TDS Cut by 25% Here’s What It Means For You: कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषण की है। सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए इस पैकेज का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को राहत देते हुए स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस में 25 फीसदी की कटौती का फैसला लिया है। यानी की अब 10 फीसदी की जगह 7.5 फीसदी टैक्स ही लगेगा। यह नई व्यवस्था 13 मई से लागू भी हो गई है।
अब सवाल यह है कि टीडीएस होता क्या है और इससे नौकरीपेशा लोगों को क्या और कितना फायदा मिलेगा। टीडीएस आयकर का एक हिस्सा होता है और इसका मतलब होता है ‘टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स यानी ’ यानी स्रोत पर कर कटौती। यानी सरकार इसके जरिए इनकम के सोर्स पर ही टैक्स काट लेती है। सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर टीडीएस काटा जाता है।
उदाहरण के तौर पर इसका मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति का हजार रुपये टीडीएस बनता है तो उसे अब सिर्फ 750 रुपये भरने होंगे। सरकार ने जानकारी दी है कि टीडीएस कटौती से लोगों को 55 हजार करोड़ का लाभ होगा और यह छूट 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी। उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग चालू वित्त वर्ष के लिए टीडीएस के लिए भरे जाने वाले फॉर्म 15एच और 15जी फॉर्म भरने की तारीख को बढ़ाकर 30 जून 2020 पहले ही कर चुका है।
बता दें कि सरकार ने टीडीएस ही नहीं बल्कि टीसीएस यानी स्रोत पर कर संग्रह पर भी 25 फीसदी की कटौती की है। वहीं पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की आखिरी तारीख को 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।
