Ration card portability: केंद्र सरकार 1 जून 2020 से ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को लागू कर देगी। इसके जरिए पुराने और नए राशन कार्डधारक देश में किसी भी राशन की दुकान से कहीं भी राशन खरीद सकेंगे। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान हाल में इसकी घोषणा की है। इसे राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी कहा जा रहा है।
ये ठीक वैसे ही है जैसे मोबाइल सिम नंबर को बदले बिना ग्राहक ऑपरेटर को बदल सकता है। यानि अगर एक राज्य का राशन कार्डधारक किसी दूसरे राज्य में जाकर राशनकार्ड खरीदना चाहे तो उसका कार्ड वैलिड माना जाएगा। यानी कि उसे नए कार्ड के लिए अप्लाई करने की जरूरत नहीं। उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी को मंजूरी दे दी है। इसके तहत मानक राशन कार्ड दो भाषाओं में जारी किए जाता हैं। एक स्थानीय भाषा के साथ ही इसमें दूसरी भाषा हिंदी अथवा अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है।
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2020 को कुल 12 राज्यों को आपस में इस योजना से जोड़ा था अब पांच और राज्यों को इसमें जोड़ लिया गया है। इनमें कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्य शामिल है।
देश में कुल 79 करोड़ लोगों के पास राशन कार्ड होगा। इस पहल को मोटे तौर पर कई प्रवासी लाभार्थियों जैसे कि मजदूरों, दैनिक मजदूरों, ब्लू-कॉलर श्रमिकों आदि के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जो देश भर में रोजगार की तलाश में अक्सर अपना निवास स्थान बदलते हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत लोगों को यह फायदा दिया जा रहा है। इस योजना के तहत रियायती दर पर खाद्यान्न की आपूर्ति की जाती है।
