National Social Assistance Programme: केंद्र सरकार के नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम (एनएसएपी) के तहत वृद्ध लोगों, विधवाओं और विकलांग लोगों को पेंशन मुहैया करवाई जाती है। ये आर्थिक मदद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को दी जाती है। यह योजना 15 अगस्त 1995 में शुरू की गई थी। इसके तहत ऐसे बुजुर्ग लोगों को हर महीने 10 किलोग्राम खाद्दान्न दिया जाता है, जिन्हें किसी तरह की पेंशन नहीं मिलती है। अभावों से जूझ रहे परिवारों तक नकद हस्तांतरण की सुविधा के अलावा खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा समेत समग्र सामाजिक सुरक्षा भी दी जाती है।
वर्तमान में NSAP में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांगता पेंशन योजना (IGNDPS), राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS और अन्नपूर्णा) शामिल हैं। वृद्धावस्था पेंशन योजना में केंद्र और राज्य, दोनों सरकारें मिलकर योगदान करती है। यही वजह है कि अलग-अलग राज्य में पेंशन की रकम अलग-अलग होती है।
पहले वृद्धावस्था पेंशन योजना में भाग लेने के लिए सीनियर सिटीजन की उम्र 65 साल थी जिसे 2011 में 60 साल कर दिया गया। वहीं राष्ट्रीय दिव्यांगता पेंशन योजना के तहत 500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाती है। वहीं दिव्यांग मजदूरों को अन्य मजदूरों के बराबर ही मजदूरी दी जाती है।
कोरोना वायरस संकट के बीच मोदी सरकार इसी योजना के तहत लाभार्थियों के खाते में 3 महीने की एडवांस पेंशन भेज रही है। संकटी की इस घड़ी में वृद्ध लोगों, विधवाओं और विकलांग लोगों को पेंशन भेजी गई है। योजना में पारदर्शिता बढ़ाने और कमियां हटाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। एनएसएपी के तहत लाभार्थियों के आंकडें एनएसएपी-पीपीएस पर डिजिटल फार्म में रखे गये हैं।
