एलपीजी पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटीएल) योजना मोदी सरकार ने 2015 में शुरू की थी। इस योजना के तहत लोगों को गैस सिलिंडर पर सब्सिडी मुहैया करवाई जाती है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत उपभोक्ताओं के खाते में यह रकम ट्रांसफर की जाती है।
योजना के तहत सब्सिडी ट्रांसफर की जाती है ताकि उपभोक्ता बाजार भाव पर रसोई गैस खरीद सकें। पहले सरकार सीधे गैस कंपनियों को सब्सिडी देती थी लेकिन ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिए सरकार ने डीबीटीएल शुरू की। हालांकि स्कीम की शुरुआत में लोगों को सब्सिडी दी गई वह मौजूदा समय में कम है।
खास बात यह है कि इस योजना के तहत सरकार ऐसे उपभोक्ताओं से सब्सिडी छोड़ने की अपील करती है जिनकी आमदनी अच्छी है और वह मार्केट प्राइज पर सिलिंडर लेने में सक्षम है। सरकार का कहना है कि ऐसे होने पर वास्तविक जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाया जाता है।
ऐसे उठा सकते हैं इस योजना का फायदा: गैस सब्सिडी शुरू करने के लिए उपभोक्ताओं को अपनी गैस एजेंसी पर जाकर एक आवेदन देना होता है। इस आवेदन फॉर्म के साथ एक आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, गैस कनेक्शन के दस्तावेज और आयकप प्रूफ की एक कॉपी भी देनी होती है।
सब्सिडी हासिल करने के लिए सालाना इनकम 10 लाख रुपये तक या इससे कम होनी चाहिए। इसके लिए गैस एजेंसी उपभोक्ताओं से एक फॉर्म भी भरवाती है। ध्यान रहे अगर आपको भी यह सब्सिडी चाहिए तो ऐसे में जरूरी है कि आपके एलपीजी कनेक्शन के साथ आधार लिंक हो। एलपीजी कनेक्शन के साथ आधार लिंक करने के बाद ही सरकार सब्सिडी खाते में पहुंचाती है।