रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) चेक के जरिए होने वाले लेन-देन को सुरक्षित और तेज बनाने के लिए नए तरीकों को अपना रहा है। इसी कड़ी में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) को भी अपनाया गया है। नए साल में चेक से भुगतान करने के नियम बदल हैं। शीर्ष बैंक ने हाल में कहा है कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम सभी बैंकों की सभी शाखाओं में लागू किया जाएगा। अभी करीब 18,000 शाखाओं में यह सुविधा नहीं है।

ग्राहकों के मन में यह सवाल जरूर रहता है कि आखिरकार यह चेक ट्रंकेशन सिस्टम होता क्या है? दरअसल चेक क्लीयरिंग में तेजी लाने के लिए इस सिस्टम को अपनाया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत वास्तविक चेक की तस्वीर (ईमेज) के जरिए ही चेक क्लीयरिंग हो जाती है। सीटीएस के तहत भुगतान और जमाओं के लिए कागज रहित अभौतिक सत्यापन किया जाता है।

चेक से जुड़ी जानकारियों को इलेक्ट्रानिक माध्यम से जमा करना होता है जो कि चेक जारी करने वाला व्यक्ति ही करता है। मसलन चेक जारी करने वाले व्यक्ति को चेक नंबर, चेक डेट, अकाउंट नंबर, चेक की राशि आदि की जानकारी इलेक्ट्रानिक माध्यम से जमा करनी होती है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक फिलहाल इस व्यवस्था को देश के बड़े शहरों में स्थित बैंकों में ही अपनाया जा रहा है। लेकिन आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा का ऐलान करते हुए इस बात का एलान कर दिया है कि अब इसमें तेजी लाई जाए और करीब 18,000 शाखाओं में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।