जब से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आया है नेट बैंकिंग का उपयोग बढ़ गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में घोषणा की है कि UPI के लेनदेन की संख्या अक्टूबर में 1 बिलियन के आंकड़े को पार कर गई है। हालांकि, इस सुविधा के साथ, धोखाधड़ी से संबंधित मामले भी बढ़ गए हैं। मोबाइल बैंकिंग करते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है।

धोखाधड़ी के मामलों में अक्सर फ्रौड करने वाला व्यक्ति किसी न किसी तरीके से आपको माना लेता है और आप से आपके खाते का ओटीपी या मोबाइल बैंकिंग पासवर्ड ले लेता है। बता दें नेट बैंकिंग ट्रांसेक्शन मोबाइल ऐप के माध्यम से भी किया जा सकता है।

आइए हम आपको बताते हैं कैसे आप इन धोखेबाजों से बच सकते हैं-

– अधिकांश बैंकिंग ऐप सुरक्षा सुविधा के रूप में टू-स्टेप ऑथेंटिकेशन प्रदान करते हैं। इसके अलावा फोन और मोबाइल बैंकिंग ऐप का पासवर्ड हमेशा अलग-अलग रखें
– लॉगिन आईडी और पासवर्ड की ऑटो-सेविंग से हमेशा बचें। अपने लॉग इन विवरणों को ऑटो सेव करने से कोई इसका दुरुपयोग कर सकता है। बैंकिंग ऐप्स आमतौर पर आपके लॉगिन क्रेडेंशियल को उयाद रखने के लिए यह विकल्प प्रदान करते हैं। ‘याद रखें’ पासवर्ड टैब को क्लिक न करें।
– हमेशा बैंकों से आए एसएमएस की जांच करें। समय पर अलर्ट प्राप्त करने के लिए मोबाइल सूचनाओं की सदस्यता लें। यदि कोई अनधिकृत लेनदेन होता है, तो मोबाइल नोटिफ़िकेशन के माध्यम से आपको तुरंत सूचित किया जाएगा। लेन-देन अलर्ट के साथ, ये आपको अपने नेट बैंकिंग खाते में असफल लॉगिन प्रयासों के बारे में भी सूचित करेंगे।
– आपका बैंक कभी आपका पिन नहीं मांगेगा। इसलिए, इसे किसी के साथ साझा न करें। बैंक विवरण सत्यापित करने के लिए वे आपका CVV नंबर साझा करने के लिए भी कह सकते हैं।
– अपने फोन को ट्रोजन और वायरस से सुरक्षित रखने के लिए अपने फोन के लिए हमेशा एक अच्छे एंटीवायरस का उपयोग करें। इसके अलावा, समय-समय पर अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप को अपडेट करें। अपने ऐप्स के नवीनतम संस्करणों का उपयोग करना सुनिश्चित करें। वाई-फाई से कनेक्ट होने पर आप अपने फोन को अपने आप अपडेट करने के लिए सेट कर सकते हैं। इससे आपके मोबाइल ऐप अपने आप अपडेट हो जाएंगे।