यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ट्रांजैक्शन नए साल से महंगे नहीं होने जा रहे। पीआईबी फैक्ट चेक ने कुछ मीडिया वर्ग में जारी उन सभी खबरों का पूरी तरह से खंडन किया है जिसमें थर्ड पार्टी मोबाइल एप्लीकेशन से पेमेंट पर अतिरिक्त चार्ज लगाए जाने का दावा किया जा रहा है।
सरकारी फैक्ट चेकर पीआईबी फैक्ट चेक के मुताबिक एक खबर में दावा किया जा रहा है कि नए साल से यूपीआई ट्रांजैक्शन महंगे हो जाएंगे और थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेंगे। यह दावा गलत है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है।
इसके साथ ही पीआईबी फैक्ट चेक ने लोगों को गलत खबरों से आगाह रहने के लिए भी कहा है। सोशल मीडिया पर चार्ज लगाने की जो खबरें चल रही हैं वे सभी फर्जी हैं, इसके अलावा प्रेस रिलीज जारी करके भी इसकी सूचना दी गई है।
दरअसल दावा किया जा रहा था कि 1 जनवरी से यह बदलाव होंगे। लेकिन इस अहम जानकारी के सामने आने के बाद आम लोगों को राहत मिली है। बता दें कि यूपीआई से यूजर्स किसी भी समय रियल टाइम बेसिस पर पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यूपीआई यूजर्स को पैसे ट्रांसफर, बिजली, मोबाइल फोन, ब्रॉडबैंड आदि के बिल का भुगतान करने की सुविधा देता है।
बता दें कि मोबाइल के जरिए यूपीआई, यूपीआई क्यूआर कोड या रुपे कार्ड से अगर आपके बैंक ने ट्रांजेक्शन पर चार्ज वसूल किया जाए तो इसे रिफंड किया जाता है। जिन ग्राहकों से डिजिटल ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स वसूलने पर रिफंड किया जाता है।