कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से देश में फैल रहा है। बीते दिन देशभर में एक लाख से ज्यादा कोरोना के पॉजिटिव केस सामने आए जिसमें अनुमान है कि, 60 फीसदी केस ओमिक्रॉन वेरिएंट के है। इस सबसे के बीच एक अच्छी खबर भी सामने आई है। दरअसल ICMR ने ओमिक्रॉन की स्वदेशी टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है। जो 12 जनवरी से कमर्शियल यूज के लिए उपलब्ध होगी। आइए जानते हैं ओमिक्रॉन की जांच किट के बारे में…

टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स ने किया निर्माण- कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के टेस्ट के लिए टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स ने स्वदेशी किट तैयार कर दी है। जो 99.25 प्रतिशत तक कारगर रिजल्ट उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। वहीं ये किट जल्द ही कमर्शियल यूज के लिए भी उपलब्ध होने वाली है।

ओमीस्योर किट की क्या है खासियत ? टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स की ये किट ऐसी पहली किट है जो ओमीक्रॉन की पहचान के लिए दो एस-जीन वायरल टारगेट्स का इस्तेमाल करती है। फर्स्ट टारगेट एस-जीन ड्रॉपआउट यानी एस-जीन टारगेट फेल्योर पर आधारित है जबकि दूसरा टारगेट एस-जीन म्यूटेशन एम्प्लिफिकेशन पर आधारित है।

कंपनी का कहना है कि उसने रोजाना 2 लाख ओमीस्योर टेस्ट के लिए उत्पादन क्षमता, सप्लाई चेन और कच्चे माल की इनवेंट्री बढ़ानी शुरू कर दी है। इस किट को बेंगलूरु के डॉक्टर वी रवि की अगुवाई वाली एक टीम ने तैयार किया है। अभी वह टाटा एमडी में आरएंडडी के हेड हैं।

यह भी पढ़ें: ‘ओमिक्रॉन’ संकटः विदेश से भारत आने वालों को सात दिन रहना होगा होम क्वारंटीन, पढ़ें- केंद्र की गाइडलाइन

रवि ने कहा कि यह होम टेस्टिंग किट नहीं है। यह वायरल जेनेटिक मटीरियल को डिटेक्ट करता है और वायरल एंटीजन नहीं है। इसके लिए खास उपकरण, प्रशिक्षित लोगों और बायो सेफ्टी की जरूरत है। OmiSure एक रियल टाइम पीसीआर है, इसलिए यह होम टेस्टिंग के लिए नहीं है।