सरकार ने जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया था। मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार जानकारी दी गई थी कि इस वर्ष दूसरी तिमाही 1 जुलाई 2021 से शुरू होकर 30 सितंबर 2021 को समाप्त होने वाली लघु बचत योजनाओं पर ब्याज पहले जैसा ही लागू रहेगा। कोरोना महामारी के दौरान ये बचत योजनाएं लोगों को बड़ी राहत देने के लिए लाई गई हैं। इन योजनाओं में पैसा निवेश करने से आपको अच्छा ब्याज दिया जाता है।
इन दो छोटी बचत योजनाओं पर ले सकते हैं लोन
हम आपको दो ऐसी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे जो निवेश के दौरान अच्छा ब्याज देती हैं। जिसे कम से कम पैसों में भी शुरू किया जा सकता है और इसके लिए कोई समय का निर्धारण नहीं है। इसे जितने साल तक चलाना चाहें, आप चला सकते हैं।
किसान विकास पत्र योजना (Kisan Vikas Patra)
केवीपी वर्तमान में 6.9% ब्याज दर देता है। इस योजना में निवेश की गई धनराशि 10 साल चार महीने में हो जाएगी। इसमें एक निवेशक कम से कम 1,000 रुपये का निवेश कर सकता है। केवीपी में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं दी गई है, जबतक चाहें निवेश जारी रख सकते हैं।
इस योजना में आप समय से पहले भी धनराशि निकाल सकते हैं। लेकिन अगर आप एक साल के भीतर ही इस योजना में निवेश किया हुआ पैसा वापस लेते हैं तो न सिर्फ आपके ब्याज दर पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। वहीं एक साल से ढाई साल के बीच में पैसा निकालते हैं तो आपको जुर्माना नहीं देना होगा लेकिन ब्याज दर कम हो जाएगी।
राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र योजना (National Savings Certificate)
इसमें आप पांच साल तक निवेश कर सकते हैं जो 6.8% ब्याज देता है। एनएससी में निवेश करने की न्यूनतम सीमा 1,000 रुपये है। जबकि निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है, इसमें जितना चाहें पैसा निवेश कर सकते हैं। वहीं केवल 1.5 लाख रुपये तक का निवेश ही धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए होगा। इसके तहत किसी भी डाकघर मे निवेश किया जा सकता है। इसपर मैच्योरिटी भी दी जाती है। वर्तमान में इसपर ब्याज 6.8% है।
लघु बचत योजनाओं पर लोन
बैंक ऑफ बड़ौदा के अनुसार, अगर बची हुई परिपक्वता अवधि तीन साल से कम है तो इन दो छोटी बचत योजनाओं पर 85% तक का लोन लिया जा सकता है। जबकि परिपक्वता तीन वर्ष से अधिक है, तो आपको लोन की धनराशि और कम होकर 80% तक ही मिल सकती है। एक व्यक्ति ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए सिक्योरिटी को भी गिरवी रख सकता है।
भारतीय स्टेट बैंक की वेबसाइट के अनुसार, इन उत्पादों पर लोन लगभग 11.9% ब्याज दर वसूल की जाती है। एक निवेशक इन उत्पादों को केवल बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सार्वजनिक और निजी निगमों, सरकारी कंपनियों व स्थानीय प्राधिकरणों संस्थानों को गिरवी रख सकता है।
