State Bank of India RBI Repo Rate: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ब्याज निर्धारण के मामले में नीतिगत दर में कटौती का लाभ तत्काल अपने ग्राहकों को देने के लिये कदम उठाया है। एसबीआई ने शुक्रवार को बचत जमा तथा अल्पकालिक कर्ज के लिये ब्याज दरों को रिजर्व बैंक की रेपो दर यानी बाह्य मानकों से जोड़ने की घोषणा की। ऐसा करने वाला एसबीआई देश का पहला बैंक बन गया है।

बैंक ने देर शाम एक बयान में कहा कि नई दरें एक मई से प्रभावी होगी। इस कदम से रिजर्व बैंक के नीतिगत दर (रेपो) में कटौती का लाभ तत्काल ग्राहकों को मिल सकेगा। रिजर्व बैंक, बैंकों के साथ बार-बार इस मुद्दे को उठाता रहा है कि वह जितना रेपो दर में कटौती करता है, बैंक उतना लाभ अपने ग्राहकों को नहीं देते।

बैंक ने बयान में कहा, ‘‘…आरबीआई के नीतिगत दर में बदलाव त्वरित रूप से ग्राहकों को देने के मसले के हल के लिये एक मई 2019 से हमने बचत बैंक जमा तथा अल्पकालीन मियादी कर्ज के लिये ब्याज दर को रिजर्व बैंक की रेपो दर से जोड़ने का निर्णय किया है।’’ एसबीआई के मैनेजिंग डॉयरेक्टर पीके गुप्ता ने कहा, “एसबीआई के कुल जमा का लगभग 33 प्रतिशत 1 लाख से उपर है। वर्तमान में बैंक 1 करोड़ रुपये तक की सेविंग बैंक डिपॉजिट पर 3.5 प्रतिशत ब्याज दे रही है। 1 करोड़ से उपर के सेविंग बैंक डिपॉजिट पर ब्याज दर 4 प्रतिशत है। हमारे द्वारा लिया गया यह एक प्रमुख नीतिगत निर्णय है। रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी की वजह से अब हमारे MCLR में 7-8 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है।”

हालांकि, इस कदम से सभी जमाकर्ताओं को लाभ नहीं होगा क्योंकि नई दर उन्हीं खातों पर लागू होगी जिनके खातों में एक लाख रुपये से अधिक राशि होगी। रेपो दर इस समय 6.25 प्रतिशत है। केंद्रीय बैंक ने सात फरवरी को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की। बैंक ने कहा कि वह एक लाख रुपये से अधिक के जमा पर ब्याज को रेपो दर से जोड़ेगा। फिलहाल इस पर ब्याज 3.5 प्रतिशत है जो मौजूदा रेपो दर से 2.75 प्रतिशत कम है। बैंक ने सभी नकद ऋण खातों और एक लाख रुपये से अधिक की ओवरड्राफ्ट सीमा वाले खातों को भी रेपो दर जमा 2.25 प्रतिशत की दर से जोड़ दिया है। (भाषा इनपुट के साथ)