देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार (7 जून, 2019) को जुलाई महीने से अपने होम लोन की ब्याज दरों को रेपो दर से जोड़ने की घोषणा की है। यह कदम बैंकों को होम लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ने के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दिशा में है। एसबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा, ‘हम एक जुलाई से रेपो दर से जुड़े होम लोन की पेशकश करेंगे।’ बता दें कि बैंक अपने अल्पकालिक कर्ज और बड़ी जमा राशि की ब्याज दरों को रेपो दर से पहले ही जोड़ चुका है।
रेपो दर रिजर्व बैंक तय करता है। इस दर पर केंद्रीय बैंक, वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन के लिए नकदी उधार देता है। रिजर्व बैंक ने बीते गुरुवार को लगातार तीसरी बार अपनी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 5.75 पर ला दिया है। आरबीआई लगातार तीन समीक्षा बैठकों में कुल मिलाकर रेपो में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। रेपो कम होने पर वाणिज्यिक बैंकों के लिए धन सस्ता होता है और वे ब्याज कम करने की स्थिति में होते हैं।
बैंक ने अपने बयान में आगे कहा कि 1 जुलाई से एसबीआई ग्राहकों के पास आरबीआई की रेपो दर पर होम लोन लेने का विकल्प होगा। रिटेल बैंकिंग के मैनेजिंग इंचार्ज पीके गुप्ता ने बताया, ‘एसबीआई कर्ज दर (एमसीएलआर) की सीमांत लागत से जुड़े होम-लोन उत्पादों की पेशकश जारी रखेगा, लेकिन ग्राहकों के पास रेपो लिंक्ड होम लोन का विक्लप होगा। वर्तमान में एसबीआई 8.55 ब्याज दर पर 75 लाख रुपए तक का लोन देता है।