कोरोना संकट के चलते अर्थव्यवस्था को लगे ऐतिहासिक झटके के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) अब स्टार्टअप्स पर फोकस कर रही है। इसके साथ ही शीर्ष बैंक छोटे किसानों पर भी फोकस करेगी। रिजर्व बैंक ने इस संबंध में प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग की संसोधित गाइडलाइन जारी की है।
गाइडलाइन के मुताबिक अब इकॉनमी को बेहतर बनाने के लिए चुनिंदा सेक्टर का लोन लिमिट डबल करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत स्टार्टअप को बैंकों से 50 करोड़ रुपये तक का कर्ज दिलाया जाएगा। इनमें उन सेक्टर्स को कर्ज देने की बात कही गई है जिन्हें सरकार कर्ज तो देती थी लेकिन यह कम होता था।
इन्हें डबल करने का फैसला लिया गया है। ऐसा कर आरबीआई देश में कारोबारी माहौल को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। नए नियमों में प्राथमिकता क्षेत्र कर्ज के प्रवाह में क्षेत्रीय असमानता के मुद्दे भी सुलझाने के प्रयास किए गए हैं।
आरबीआई ने बैंकों के लिए प्राथमिकता की श्रेणी वाले कर्जों में कुछ चुनिंदा सेक्टर का लोन लिमिट डबल किया है। मसलन अब किसान कंप्रेस्ड बायोगैस का प्लांट लगाने के लिए लोन लेंगे उन्हें पहले से ज्यादा कर्ज मिल सकेगा। आरबीआई ने किसानों पर भी विशेष ध्यान दिया है। प्रत्येक घरों में प्रति व्यक्ति कर्ज के लिए 10 लाख तक की सीमा तय की गई है।
सरकारी योजना आयुष्मान भारत में कर्ज की लिमिट को डबल कर दिया गया है। अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कर्ज की लिमिट को भी लगभग दोगुना कर दिया गया है। गैर पारंपरिक ऊर्जा, मसलन स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम और दूर दराज के क्षेत्रों में इलेक्ट्रिफिकेशन को भी प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग में शामिल किया जाएगा।