RBI Online Transaction RTGS: अगले महीने यानी दिसंबर से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से जुड़ा नियम बदलने वाला है। ग्राहकों को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम यानि आरटीजीएस से जुड़े एक नियम में बदलाव होने जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस सर्विस को 24 घंटे के लिए उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है।
दिसंबर से नई व्यवस्था के तहत ग्राहकों को इसका फायदा मिलने लगेगा। दिसंबर 2019 में एनईएफटी प्रणाली को 24 घंटे के लिए उपलब्ध करवाने के बाद अब आरटीजीएस से जुडे़ नियम में बदलाव किया है। आरटीजीएस में फंड कुछ समय के बाद प्राप्त किया जाता है, यानि पैसा तुरंत ही एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाता है।
पैसा रियल टाइम आधार पर ट्रांसफर किया जाता है। बड़े लेन-देन के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम की जरूरत होती है। इसके तहत न्यूनतम ट्रांसफर अमाउंट दो लाख रुपये है जबकि अधिकतम की कोई सीमा नहीं होती। एक ही बैंक में एक खाते से दूसरे खाते में इसके जरिए फंड ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
आरटीजीएस के अलावा ग्राहक इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के जरिए एनईएफटी और आईएमपीएस पेमेंट मोड के माध्यम से पैसों का लेनदेन कर सकते हैं।
कोरोना वायरस के चलते करीब 3 महीने के लंबे लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए लगातार इसी तरह के प्रयास कर रहा है।

