नकली नोटों की छपाई के कई मामले सामने आते रहते हैं। नकली नोट छापने वाले गिरोह नई-नई तकनीक के सहारे हूबहू असली नोटों की तरह दिखने वाली करंसी को मार्केट में उतार देते हैं। ऐसे में आम नागरिक को इस बात का पता ही नहीं चल पाता कि कोई उन्हें नकली नोट थमा कर चला गया है।

पता लगता भी है तो तब तक काफी देर चुकी होती है। ऐसे में ग्राहक को समझ नहीं आता कि वे क्या करें और क्या नहीं। अक्सर लोगों के मन में इस परिस्थिति में फंसने के बाद एक सवाल मन में सबसे पहले यही आता है कि नकली नोट मिलने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुताबिक क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 39 के मुताबिक हर व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है कि वह दूसरे किसी व्यक्ति द्वारा जानबुझकर अपराध किये जाने या अपराध करने की इच्छा रखने, जिसमें नकली नोटों की छपाई संबंधी अपराध भी शामिल हैं, की जानकारी होने पर इसकी जानकारी तुरंत पास ही के दंडाधिकारी या पुलिस अधिकारी को दें।

बैंक के मुताबिक नकली नोटों से बचने का तरीका यह है कि ग्राहक जागरुक रहें। शीर्ष बैंक के मुताबिक नोटों को स्वीकार करते समय ग्राहकों को नोटों की वास्तविकता की जांच करने की आदत डालनी चाहिए। आरबीआई के मुताबिक कोई भी नोट जिसमें वास्तविक भारतीय करेंसी नोटों की विशेषताएं नहीं होती है, वह नकली नोट की श्रेणी में आता है।