रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चेक के जरिए होने वाली धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए चेक क्लियरिंग नियमों में बदलाव किया है। आरबीआई इसके लिए ‘पॉजिटिव पे’ मैकेनिज्म होगा लागू कर रही है। इसके तहत चेक से पेमेंट को और सुरक्षित बनाने के लिए 50000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर ग्राहकों को ‘पॉजिटिव पे’ मैकेनिज्म के तहत बैंक से जानकारी साझा करनी होगी।

शीर्ष बैंक के मुताबिक 50 हजार रुपये से ज्यादा वैल्यू वाले चेक को ‘पॉजिटिव पे’ मैकेनिज्म के तहत को लाभार्थी को देने से पहले ग्राहक को चेक का विवरण, चेक के सामने और रिवर्स साइड की फोटो बैंक के साथ साझा करनी होगी।

इसके बाद जब लाभार्थी (जिसके नाम पर चेक जारी किया गया हो) बैंक में चेक क्लियर करवाने पहुंचेगा तो बैंक अधिकारी इस ‘पॉजिटिव पे’ फीचर के जरिए असली चेक और ग्राहक द्वारा भेजे गए चेक की फोटो का मिलान करेंगे। जानकारी एकदम सटीक होने पर ही चेक को क्लियर किया जाएगा। आरबीआई का कहना है कि इस नए प्रॉसेस से चेक से संबंधित धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को इस संबंध में घोषणा की कि चेक भुगतान की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उच्च-मूल्य वाले चेक के लिए एक नई समाशोधन प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है। शीर्ष बैंक जल्द ही 50,000 रुपये और उससे अधिक मूल्य के सभी चेक के लिए ‘पॉजिटिव पे’ मैकेनिज्म लेकर आएगा।

दास ने कहा ‘यह सिस्टम देशभर में जारी किए जाने वाले कुल चेक के 20% वॉल्यूम को कवर करेगा और वैल्यू के आधार पर चेक से लेनदेन की 80% राशि इसके दायरे में आ जाएगी।’