राशन कार्ड के जरिए किसी भी भारतीय नागरिक को सब्सिडी पर अनाज मुहैया करवाया जाता है। राज्य सरकारों द्वारा जारी होने वाले इस कार्ड की बड़ी अहमियत है। यह कार्ड बाजार रेट से कहीं ज्यादा सस्ता अनाज गरीबों तक पहुंचा रहा है। राशन का इस्तेमाल एक सरकारी दस्तावेज के रूप में भी होता है। मसलन बैंक खाता खुलवाने, बच्चों के स्कूल में एडमिशन से लेकर तमाम सरकारी योजनाओं में एक आईडी प्रूफ के तौर पर इसे हाथों हाथ लिया जाता है।

राशन कार्ड और इसके जरिए मिलने वाली सुविधाओं के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती। लोगों के मन में अक्सर कई सवाल होते हैं। इन्हीं समस्याओं को दूर करने और लोगों तक योजनाओं का सही लाभ और जानकारी पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा पोर्टल बनाए जाते हैं। राशन की जानकारी के लिए भी दो पोर्टल केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए हैं। इनमें पहला है annavitran.nic.in (अन्नवितरण) है तो दूसरा इंटिग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (IM-PDS) पोर्टल है।

IM-PDS कार्ड की इंटर-स्टेट पोर्टेबिलिटी के लिए तकनीकी प्लेटफॉर्म की व्यवस्थता करता है। इसका सीधा फायदा प्रवासियों को मिलता है। ताकि प्रवासी मजदूर देश की किसी भी उचित मूल्य की दुकान से राशन ले सकें। वहीं अन्नवितरण एक राज्य के अंदर ही ई-पीओएस उपकरणों के जरिए डिस्ट्रीब्यूट अनाज के डेटा को स्टोर किया जाता है। इसके जरिए एक राज्य में मौजूद मजदूर अपने जिले के अलावा अपने राज्य के अन्य किसी जिले से राशन ले सकता है।

बता दें कि अगर आप राशन कार्ड के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो इसके लिए राज्य सरकार (जहां के आप निवासी हैं) के खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल पर विजीट करना होगा। ऐसे में आपको इन पोर्टल से राशन कार्ड आवेदन फॉर्म को डाउनलोड करना होगा। फॉर्म को अच्छी तरह से भरकर नजदीकी राशन डीलर या फूड सप्लाई ऑफिस के पास जमा करना होगा। ग्रामीण क्षेत्र से हैं तो फॉर्म को तहसील कार्यालय में जमा कर सकते हैं। इन पोर्टल पर भी राशन कार्ड और इसके जरिए मिलने वाले फायदों के बारे में अपडेट दिए जाते हैं।