राशन कार्ड के जरिए सरकार सब्सिडी के तहत अनाज मुहैया करवाती है। कुल तीन कैटिगरी के राशन कार्ड राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जाते हैं। कोरोना संकट के चलते नवंबर तक 80 करोड़ लोगों को राशन बांटा जा रहा है। राशन कार्ड का इस्तेमाल एक सरकारी दस्तावेज के तौर पर अलग-अलग जगहों पर किया जाता है।

इस कार्ड के लिए अप्लाई करने से पहले कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। अक्सर देखने को मिलता है कि कुछ लोग राशन कार्ड गलत दस्तावेजों के आधार पर बनवा लेते हैं। ऐसा करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। फूड सिक्योरिटी एक्ट में फर्जी राशन कार्ड बनवाने पर पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

कार्ड बनाने के नाम पर रिश्वत लेना अपराध है और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13(1) डी के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। इसके साथ ही आरोप सच साबित होते हैं तो जेल जाना पड़ सकता है।

ऐसे में कार्ड बनवाने वाला और कार्ड बनाने वाला दोनों पर कार्रवाही संभव है। और नियमों के तहत दोनों को जेल जाना पड़ सकता है। ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं जिसमें फार्जी दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड बनवा लिए जाते हैं। इसकी वजह से जो असल जरूरतमंद है उस तक इस व्यवस्था का लाभ नहीं मिल पाता।

ऐसे कई मामले सामने आए हैं जह फर्जी एजेंट के जरिए राशन कार्ड बनवाने वाले लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। जानकारी के अभाव में वह एजेंट को पैसे देकर कार्ड बनवाने की चाह में खुद को चूना लगवा लेते हैं। कई बार तो एजेंट लोगों को फर्जी राशन कार्ड पकड़ा देते हैं। ऐसे में फर्जी एजेंट से बचने के लिए आपको अलग-अलग राज्य सरकार द्वारा तय प्रक्रिया का पालन करते हुए ही राशन कार्ड के लिए अप्लाई करना चाहिए।