प्राइवेट और खास तौर पर कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को केंद्र सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। निश्चित अवधि के कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारी अब बहुत जल्द पांच साल पूरा किए बगैर ही अपनी ग्रैच्युटी (Gratuity) हासिल कर सकते हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ‘सोशल सिक्यॉरिटी बिल-2019’ में इसका प्रावधान किया है। अगर यह इसे स्वीकार कर लिया जाता है, तो प्राइवेट कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात साबित होगी।

फिलहाल कर्मचारी अपनी ग्रैच्युटी किसी कंपनी या फर्म में पांच साल काम करने के बाद ही हासिल कर सकते हैं। 1972 के नियम के मुताबिक बिना पांच साल पूरा किए कर्मचारी फर्म छोड़ता है, तो उसे इसका लाभ नहीं मिल पाता। कायदे से यह पांच साल तक लगातार काम करने वालों के लिए एक बड़े बेनिफिट प्लान की तरह होता है। लेकिन, इसे हासिल करने में कई तरह की दुश्वारियां सामने आ जाती हैं।

‘पेमेंट ग्रेच्युटी एक्ट, 1972’ के मुताबिक यदि कोई कर्मचारी किसी संस्थान में लगातार 5 साल काम करता है तो वह ग्रैच्युटी लेने का हकदार होता है। यह रकम उसके रिटायरमेंट या इस्तीफे पर दी जाती है या फिर उम्र विशेष होने के चलते जब वह जॉब छोड़ता है तब दी जाती है। हालांकि, पुराने कानून के मुताबिक कुछ ऐसी सूरतें हैं जिनके मद्देनज़र ग्रैच्युटी के संदर्भ में कई शर्तें लागू नहीं होती हैं। यानी, यदि किसी कर्मचारी के देहांत हो जाने, दुर्घटना में घायल होने या बीमारी के कारण सर्विस छोड़ता है तो ग्रैच्युटी उसे या उसके नॉमिनी को दी जाती है।