Public Provident Fund एक लोकप्रिय योजना है, जिसमें लंबे समय तक पैसे का निवेश किया जाता है। इसमें कम से कम 500 रुपये से लेकर सालाना 1,50,000 रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। यह एक कर मुक्‍त योजना है, यानी कि इसपर आपको एक भी रुपये का टैक्‍स नहीं देना होता है।

यह स्‍कीम ईपीएफ के बाद सबसे अधिक रिटर्न 7.1 फीसद की देती है, जो तिमाही चक्रवृद्धि पर गणना के दायरे में आती है। पीपीएफ खाताधारक कुछ शर्तों के तहत अपने खाते पर सिर्फ 1 फीसदी सालाना ब्याज पर कर्ज भी ले सकते हैं। इसमें परिपक्‍वता की अवधि 15 सालों के लिए होता है। लेकिन अगर आप चाहें तो कुछ नियमों के तहत अपना खाता समय से पूर्व भी बंद कर सकते हैं।

यहां कुछ ऐसे ही नियम बताए गए हैं, जिसे पैसा निकालने से पहले जरूर जानना चाहिए। नहीं तो आपके लिए परेशानी पैदा हो सकती है। आइए जानते हैं पीपीएफ से संबंधी क्‍या है यह नियम…

  1. अगर आप पीपीएफ खाते में समय से पहले निकासी कराना चाहते हैं तो आपको पांच साल बाद ही अनुमति दी जाती है। यानी अगर आप 2022 में खाता खोलते हैं तो 2027-28 में पैसा निकाल सकते हैं। वहीं इससे पहले पैसों की जरूरत पड़ने पर आपको दूसरे माध्‍यम का सहारा लेना होगा।
  2. आप अपने पीपीएफ खाते से अपना सारा पैसा तब तक नहीं निकाल सकते जब तक कि खाता 15 साल बाद मैच्योर न हो जाए। यानी कि आप समय से पहले कुछ ही पैसे निकाल सकते हैं। शेष राशि का भुगतान 15 साल पुरा होने पर ही किया जाता है।
  3. इंडिया पोस्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, खाता खोलने के पांच साल के बाद एक वित्तीय अवधि के दौरान एक ग्राहक केवल एक निकासी कर सकता है। इसका मतलब है कि अगर खाता 2020-21 के दौरान खोला गया था तो 2026-27 के दौरान या उसके बाद निकासी की जा सकती है।
  4. निकासी की राशि कर्ज पर अगर ले रहे हैं तो राशि का 50 प्रतिशत तक लिया जा सकता है।
  5. पीपीएफ एक कर-मुक्त योजना है, इसलिए आपको समय से पहले निकासी के दौरान कोई कर नहीं देना पड़ता है। आपके पीपीएफ खाते से समय से पहले निकासी करने पर भी कोई शुल्क नहीं लगता है।

बता दें कि अगर कोई निवेशक इन नियमों को जाने बगैर ही पैसा निकालने का प्रयास करता है तो उसे पैसा मिलने में दिक्‍कत हो सकती है। वहीं कर्ज लेने वाले निवेशकों को इस योजना को और डिटेल में पोस्‍ट ऑफिस या अन्‍य माध्‍यमों से जानकारी लेनी चाहिए, ताकि बाद में कोई परेशानी न आए।