केंद्र सरकार ने पोस्ट ऑफिस से कैश निकालने पर लागू होने वाले स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक अब खाताधारकों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के कैश ट्रांजेक्शन पर टीडीएस कटौती का फैसला इनकम टैक्स फाइलिंग के आधार पर होगा।

सरकार ने तय किया है कि अब टीडीएस इस बात पर निर्भर करेगा कि ग्राहक ने पिछले तीन साल के दौरान इनकम टैक्स फाइल किया है या नहीं। यानी कि जिन लोगों ने पिछले 3 साल में रिटर्न फाइल किया है टीडीएस का नियम उन्हीं पर लागू होगा। ये नया नियम 1 जुलाई 2020 से लागू हो गया है। पहले एक साल में एक करोड़ से ज्यादा की रकम निकालने पर 2 फीसदी टीडीएस कटौती की जाती थी।

नए नियम के मुताबिक पोस्ट ऑफिस खाताधारक अगर 20 लाख रुपये तक कैश निकासी करते हैं तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा। वहीं अगर 20 लाख से एक करोड़ रुपये तक की कैश निकासी पर 2 फीसदी और एक करोड़ रुपये से ज्यादा की कैश निकासी पर 5 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा।

मौजूदा इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक बीते तीन साल का आयकर रिटर्न दाखिल न किया हो तो 20 लाख से ज्यादा कैश निकालने पर टीडीएस कटौती की जाती है। ये कटौती इनकम टैक्स की धारा 194 एन के तहत होती है।

टीडीएस आयकर का एक हिस्सा होता है और इसका मतलब होता है ‘टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स’ यानी यानी स्रोत पर कर कटौती। यानी सरकार इसके जरिए इनकम के सोर्स पर ही टैक्स काट लेती है। सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर टीडीएस काटा जाता है।