प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगारों को केंद्र सरकार पेंशन मुहैया करवाती है। असंगठित क्षेत्र से जुड़े करोड़ों लोगों को अक्सर इस बात की चिंता सताए रखती है कि रिटायरमेंट के बाद यानी 60 साल की उम्र के पड़ाव को पार कर लेने के बाद उनके आजीविका कैसे चलेगी। इस योजना के तहत लोगों की इस तरह की चिंता को दूर किया जा रहा है। ऐसे लोगों को 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद हर महीने 3 हजार रुपये की न्यूनतम पेंशन दी जाएगी।
इस योजना का फायदा फघर के काम करने वाली मेड, ड्राइवर, प्लंबर, मोची, दर्जी, रिक्शा चालक, धोबी और खेतिहर मजदूर उठा सकते हैं। अब सवाल यह है कि पेंशन आपको कैसे मिलेगी और इसके लिए क्या आपको कुछ योगदान देना होगा? बिल्कुल इसके लिए आपको कुछ योगदान देना होता है और इसके बदले आपको 60 उम्र के बाद पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। इस योजना में आप अगर सालाना 660 रुपये का निवेश करते हैं तो आपको सालाना 36 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी।
अब सवाल यह है कि 660 रुपये का योगदान कितनी बार और कब तक करना होगा? इस योजना में अलग अलग उम्र के हिसाब से 55 रुपये से 200 रुपये मंथली योगदान का प्रावधान है। अगर कोई 18 साल की उम्र से इस योजना में निवेश करता है तो उसे प्रति माह 55 रुपये अंशदान देना होगा जो कि सालाना 660 रुपये होता है।
ये निवेश 42 साल तक करना होगा जो कि कुल निवेश 27720 रुपये का होगा। इसके बदले में निवेशकर्ता को हर महीने तीन हजार रुपये की पेंशन मिलेगी यानी की सालाना 36 हजार रुपये। बता दें कि इस योजना के नियमों के तहत पेंशन पाने के दौरान यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पेंशन की 50 फीसदी धनराशि उसके जीवनसाथी को पेंशन के रूप में दी जाएगी।