डीजल के बाद अब सरकार पेट्रोल और सीएनजी की हो डिलीवरी पर विचार कर रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खुद इस बारे में जानकारी दी है। प्रधान ने इसके साथ ही ये भी जानकारी दी कि सरकार एक ऐसे रिटेल मॉडल पर काम कर रही है जिसमें एक ही जगह पर ग्राहकों को डीजल,पेट्रोल, सीएनजी, एलएनजी और एलपीजी मिल सके।यानी की आने वाले समय में सरकार एक ही पंप पर लोगों को सभी ईंधन उपलब्ध करवा सकती है।
प्रधान ने कहा कि लोग आने वाले समय में ईंधन की आपूर्ति घर पर ही हासिल कर सकेंगे। देश के सबसे बड़े फ्यूल रिटेलर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने सितंबर 2018 में मोबाइल डिस्पेंसर के जरिए डीजल की होम डिलीवरी शुरू की थी। हालांकि यह सेवा केवल कुछ मुट्ठी भर शहरों में उपलब्ध है।
प्रधान का कहना है कि मोबाइल डिस्पेंसर के जरिए ही लोगों को घर बैठे पेट्रोल और सीएनजी भी मिलेगा। उन्होंने इसके साथ ही ये भी जानकारी दी कि जल्द ही रसोई के पीएनजी आपूर्ति का सिटी गैस नेटवर्क 72 फीसद आबादी तक पहुंच जाएगा। वहीं इतनी ही आबादी के तक ऑटोमोबाइल के लिए सीएनजी की आपूर्ति भी होगी।
उन्होंने कहा कि देश तेजी से गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएनजी इस्तेमाल करने वालों की संख्या 2020 में 60.68 लाख हो गई जो कि 2014 में 25.4 लाख थी।कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते कई ऐसी चीजें जिनकी होम डिलीवरी नहीं की जाती थी अब वह भी लोग के घर के दरवाजों तक पहुंचाई जा रही है।
ऐसे में सरकार अगर ईंधन डिलीवरी के मॉडल को अपनाती है तो लोगों को पंप तक जाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि ईंधन अति ज्वलनशील उत्पाद है ऐसे में इसकी होम डिलीवरी काफी रिस्क से भरी होती है। इस वजह से सरकार को इसपर गंभीरता से विचार करना होगा।