KYC एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके जरिए कोई बैंक या संस्‍थान किसी व्‍यक्ति की पहचान और एड्रेस के बारे में जानकारी कर सकते हैं। सरकार की ओर से कई ऑनलाइन सेवाओं के लिए केवाईसी सिस्‍टम को अनिवार्य कर दिया है। केवाईसी को ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्‍यम से किया जा सकता है। KYC का इस्‍तेमाल सुरक्षा के लिहाज से किया जा रहा है। इस प्रक्रिया का इस्‍तेमाल बैंक खाता खोलने, मोबाइल कनेक्शन, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड या डिपॉजिटरी आदि के लिए किया जा रहा है।

इसके अलावा कई सरकारी योजनाओं में भी केवाईसी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। अभी हाल ही में ही सरकार द्वारा किसानों को सहायता राशि देने के लिए पीएम किसान योजना के तहत केवाई को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बिना किसानों के खाते में अब किस्‍त जारी नहीं की जाएगी। इसके अलावा किसी सरकारी योजना के लाभ के लिए भी केवाईसी जरुरी है। अब इसी को लेकर सरकार केवाईसी की प्रक्रिया को और सरल बनाने पर विचार कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने केवाईसी को लेकर कही यह बात
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केवाईसी सिस्टम को सिंगल विंडो पोर्टल पर लाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केवाईसी को लेकर एक कॉमन प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए, जिसका इस्तेमाल विभिन्न संगठन कर सकें। इस सिस्टम के लागू होने के बाद लोगों को केवाईसी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, उनका समय भी बचेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक कार्यक्रम में, मंत्री ने केवाईसी के लिए सिंगल विंडो पोर्टल बनाने पर भी जोर दिया ताकि स्टॉक ब्रोकर्स, म्यूचुअल फंड और डिपॉजिटरी के लिए एक मजबूत कॉमन केवाईसी सिस्टम स्थापित करने की बात कही है।

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क्‍या होगा फायदा
अगर सिंगल विंडो के तहत केवाईसी किया जाता है तो इक्विटी, ट्रेडिंग और बैंकिंग से संबंधित सभी वित्तीय संस्थानों को अधिक से अधिक नए लोगों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। इससे लोग भी वित्तिय कंपनियों में अधिक निवेश करेंगे। इससे बैंक खाता खोलना, शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करना और क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना आसान हो जाएगा। साथ ही वे लोग जो जोखिम के डर से निवेश नहीं करते, वे भी निवेश के लिए आगे आएंगे।

क्‍यों जरुरी है सिंगल विंडों सिस्‍टम
बता दें कि केवाईसी के नाम पर कई धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, इसमें पेटीएम केवाईसी, बैंक केवाईसी और कई तरह के फ्रॉड शामिल हैं। हैकर्स केवाईसी के नाम पर सबसे पहले यूजर्स को मैसेज भेजते हैं और फिर कॉल करके केवाईसी के नाम से निजी जानकारी लेते हैं और जैसे ही आप सभी जानकारी दे देते हैं, आपके साथ धोखाधड़ी होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन अगर सिंगल केवाईसी आ जाती है तो ऐसे फ्रॉड होने का खतरा नहीं होगा। यह आम लोगों को इक्विटी ट्रेडिंग और बैंकिंग संस्थानों से जल्दी जुड़ने में सक्षम बनाएगा।