FASTag Minimum Balance New Rule: फास्टैग में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की अनिवार्यता अब खत्म हो गई है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने शर्तों में बदलाव कर दिया है। अब सिर्फ कमर्शियल वाहनों के लिए ही ये अनिवार्यता लागू है। एनएचआई के मुताबिक इस फैसले का फायदा यात्री सेगमेंट (कार, जीप, वैन) को मिलेगा।

एनएचएआई ने फास्टैग जारी करने वाले बैंकों को भी इस बारे में सूचित कर दिया है। बैंकों से कहा गया है कि वे सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा कोई मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य न करें। इस फैसले से पहले बैंकों द्वारा ग्राहकों को फास्टैग में सिक्योरिटी डिपोजिट के अलावा मिनिमम बैलेंस रखने के लिए कहा जाता था। इस शर्त के मुताबिक उपभोक्ताओं को 150 से 200 रुपये बैलेंस रखना होता था।

मिनिमम बैलेंस न होने की स्थिति में लोग टोल प्लाजा पर ही हड़बड़ी में रिचार्ज करवाते थे। नतीजन लोगों का काफी वक्त टोल प्लाजा पर ही लग जाता था। यानी फास्टैग अकाउंट या वॉलेट में निश्चित राशि न होने के बाद एक टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति नहीं मिलती थी

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नियमों में बदलाव के बाद अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि जीरो बैलेंस होने पर भी टोल प्लाजा से कार को जाने की छूट मिलेगी क्योंकि बैंक अब टोल प्लाजा पर लगने वाले टोल की रकम को उपभोक्ता के सिक्योरिटी मनी से काट सकेंगे।

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मालूम हो कि देशभर में सभी वाहनों पर टोल चुकाने के लिए फास्टैग का होना अनिवार्य है। टोल टैक्स वसूली को आसान बनाने सरकार ने फास्टैग टेक्नॉलजी के जरिए नई व्यवस्था को लागू किया है।