Ministry of Road Transport and Highways: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र (पीयूसी) को लेकर अहम बदलाव किया है। अब पूरे देश में एकसमान पीयूसी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल हो सकेगा। मंत्रालय ने इस पर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इस फैसले से एक ही वाहन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में नया पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की झंझट से छुटकारा मिलेगा।
अगर आपकी कार प्रदूषण जांच के तय मानकों पर फेल करार दी जाती है तो आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन या परमिट सस्पेंड कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन या परमिट तब तक सस्पेंड रहेगा जब तक की आप प्रदूषण जांच के तय मानकों के तहत वाहन को सर्विस सेंटर में जाकर सही नहीं करा लेते। यह नियम गजट नोटिफिकेश के तीन महीने बाद लागू हो रहा है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यह भी कहा है कि पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण में) सर्टिफिकेट को राष्ट्रीय रजिस्टर के साथ पीयूसी डेटाबेस से जोड़ा जाएगा। अब से, पीयूसी फॉर्म पर एक क्यूआर कोड छपा होगा और इसमें वाहन, उसके मालिक और उत्सर्जन की स्थिति का जानकारी दर्ज होगी। नए पीयूसी में वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, नाम और पता, इंजन नंबर और चेसिस नंबर भी होगा। डेटाबेस से किसी विशेष वाहन के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
खास बात यह है कि अगर कोई वाहन प्रूदषण जांच के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा तो उसके मालिक को रिजेक्शन स्लिप थमा दी जाएगी। यानी ज्यादा प्रदूषण पर यह पर्ची थमा दी जाएगी। अगर प्रदूषण जांच केंद्र की डिवाइस सही से काम नहीं कर रही होगी तो वाहन मालिक दूसरे सेंटर पर जाकर जांच करवा सकेंगे।
इस पर्ची को वाहन की सर्विसिंग के समय सर्विस सेंटर पर दिखाया या इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके साथ ही वाहन का प्रदूषण मानदंड़ों के अनुरूप नहीं मिलने पर वाहन मालिक पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। हालांकि जुर्माना लगाने से पहले वाहन मालिक को ऑथराइज्ड सेंटर पर मोटर व्हीकल उत्सर्जन के तय मानदंड़ों की जांच करानी होगी।