कामगारों को बड़ी खुशखबरी मिली है। उपराज्यपाल की ओर से न्यूनतम मजदूरी को हर रोज के आधार पर बढ़ोतरी की गई है। साथ ही 22,126 करोड़ रुपये के बजट की भी मंजूरी LG की ओर से दी गई है। जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने डेली कामगारों से लेकर कैजुअल कामगारों की वेज बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यह सभी विभागों और स्थानीय स्तर के निकायों के लिए मंजूरी दी है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में यहां सिविल सचिवालय में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में सभी 20 जिलों के लिए अभूतपूर्व जिला पूंजीगत व्यय बजट को मंजूरी दी गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 75 फीसद अधिक है।
पीआरआई को मजबूत करने के लिए पंचायतों के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। डीडीसी के लिए 200 करोड़ रुपये और बीडीसी के लिए 71.25 करोड़ रुपये दिया गया है।
वहीं कामगारों की न्यूनतम मजदूरी 300 रुपये प्रति डे की गई है। पहले इन कामगारों को हर दिन के काम का सिर्फ 225 रुपये ही मिलते थे। लेबर और कर्मचारी विभाग की ने भी मिनिमम वेज को संशोधि किया है।
विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि इस प्रोसेस को तीन महीने के अंदर पूरा कर दिया जाएगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन किए जाने तक यह एक अंतरिम उपाय है।
उन्होंने कहा कि कार्यबल के एक बड़े हिस्से को लाभ पहुंचाने के लिए अंतरिम उपाय किया गया है। उपराज्यपाल ने कहा कि सभी गांव के निवासियों के कल्याण और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए मजबूती के साथ काम किया जा रहा है और सरकार शासन में समानता, कल्याण और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।