सरकार की ओर से अब राशन कार्ड का वितरण ऑनलाइन पीओएस मशीनों के जरिए किया जा रहा है। जिसके तहत राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया भी की जा रही है। बावजूद इसके सात सालों में यानी कि 2014 से 2021 के दौरान बड़ी संख्‍या में फर्जी राशन कार्डधारी पकड़े गए है। जो योग्‍य नहीं थे फिर भी राशन का लाभ उठा रहे थे।

इसमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में फर्जी राशन कार्ड धारी पकड़े गए हैं। यहां 1 करोड़ 70 लाख 75 हजार 301 फर्जी राशन कार्डधारी मिले हैं। जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 41 लाख 65 हजार 552 और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल में 41 लाख 9 हजार 873 फर्जी राशन कार्डधारी मिले हैं। यह जानकारी हाल ही में राज्‍य सभा में सांसद हरनाथ सिंह यादव के सवाल पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे द्वारा पेश रिपोर्ट बताई गई है।

वहीं चौथे नंबर पर मध्‍य प्रदेश रहा है, जहां पर 23 लाख 53 हजार 760 लोगों के राशन कार्ड फर्जी पाए गए। यानी नियमानुसार इन्हें राशन लेने की पात्रता नहीं थी। जांच के बाद इन सभी के नाम कार्ड से हटा दिए गए हैं।

बीपीएल सूची में प्रदेश की 70 फीसदी आबादी
मध्‍य प्रदेश में 70 फीसद आबादी बीपीएल की सूची में है, जबकि सरकार द्वारा तय किया गया है कि केवल उन्‍हीं लोगों को ऐड किया जाएगा, जो मंथली इनकम 522 रुपए प्रति व्‍यक्ति पाते हैं। यहां तीन से चार महीने तक राशन न लेने वालों के नाम जुटाए जा रहे हैं, इसके बाद इनके राशन कार्ड को रद्द कर दिया जाएगा।

यूपी में अभी भी मिल रही फ्री राशन की सुविधा
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अभी भी फ्री राशन की सुविधा दी जा रही है, जिसके तहत गरीब परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं। हालाकि इस सुविधा को आगे भी दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से सरकार के पास प्रस्‍ताव भेजा गया है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में गड़बड़ी
अफसरों ने बताया कि 2020-21 से 15 जनवरी 2022 की स्थिति में मप्र में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन बांटने में गड़बड़ी से संबंधित 30 शिकायतें मिली हैं। जांच के बाद इसमें 29 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।