LIC Jeevan Aadhaar Plan Features, Benefits and Full Details & News in Hindi:  भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के जीवन आधार प्लान में गारंटी के साथ बेहतरीन रिटर्न मिलता है। यही नहीं, आय कर में भी इसके जरिए कुछ छूट दी जाती है। एलआईसी के मुताबिक, यह योजना उसे दी जा सकती है, जिस पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 डीडीए में परिभाषित कोई विकलांग व्यक्ति आश्रित हो और यह पॉलिसीधारक के पूरी जिंदगी में जीवन बीमा सुरक्षा मुहैया कराती है। प्लान के तहत विकलांग आश्रित व्यक्ति के लिए लाभ है, जो आंशिक रूप से एकमुश्त
और आंशिक रूप से वार्षिकी के रूप में दिए जाते हैं। योजना के लिए भरे जाने वाले प्रीमियम पर आय कर अधिनियम की धारा 80 डीडीए के अंतर्गत आयकर छूट मिलती है।

पॉलिसी के तहत प्रीमियम वार्षिक, अर्द्धवार्षिक, त्रैमासिकी, मासिक या वेतन कटौती के जरिए 10, 15, 20, 25, 30 या 35 साल की पॉलिसी धारक द्वारा चुनी प्रीमियम अवधि के लिए या इससे पहले मृत्यु होने तक भरे जाते हैं। वैकल्पिक तौर पर प्रीमियम एकमुश्त (एकल प्रीमियम) भी भरा जा सकता है।

पॉलिसी में हर पूरे किए पॉलिसी वर्ष के लिए बीमाधन के प्रति हजार रु. पर 100 रुपये का गारंटीकृत लाभ मिलता है। गारंटीकृत लाभ बीमित व्यक्ति के 65 साल के होने तक या उसकी मृत्यु तक जमा होगा। पॉलिसी में पूरे किए गए पॉलिसी वर्ष के लिए बीमाधन के प्रति हजार रुपए पर 100 रुपए का जमानतशुदा लाभ भी मिलता है। ज़मानतशुदा लाभ, बीमित व्यक्ति के 65 वर्ष का होने तक या उसकी मृत्यु, अगर पहले हो, तक जमा होगा।

चूंकि, यह लाभ सहित योजना है और निगम के जीवन बीमा व्यवसाय के लाभ में सहभागिता करती है। इसे लाभ का एक हिस्सा सावधिक लाभ के रूप में मिलता है। पॉलिसी सावधिक लाभ की पात्र तभी मानी जाएगी। अगर न्यूनतम 10 साल तक प्रीमियम का भुगतान किया गया हो। सर्वाधिक लाभ निगम के भविष्य के अनुभव पर निर्भर करेगा।

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बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर जमानती जोड़ों और अंतिम जोड़ों की रकमों सहित, अगर हों, बीमित रकम देय होती है। इस लाभ रकम का 20% एकमुश्त देय होता है। बाकी रकम का इस्तेमाल 15 सालों की निश्चित अवधि के लिए और उसके बाद विकलांग आश्रित को आजीवन वार्षिक वृति देने के लिए किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए वार्षिकी की दरें जमानती होती हैं। एलआईसी के अनुसार, यह आजीवन योजना है, इसलिए कोई परिपक्वता लाभ नहीं मिलेगा।

अतिरिक्त लाभ: ये वैकल्पिक लाभ हैं, जो अतिरिक्त सुरक्षा/ विकल्प के रूप में पॉलिसी धारक को मूल योजना में जोड़े जा सकते हैं। इनके लिये एक अतिरिक्त प्रीमियम भरना होता है।

समर्पण मूल्य: यह पॉलिसी विकलांग आश्रितों के लिये तैयार की गई है, लिहाजा इसे सरेंडर करने की अनुमति नहीं दी जाती।