Insurance Policy Lapse: अक्सर देखा गया है कि लोग इंश्योरेंस पॉलिसी तो ले लेते हैं लेकिन जब प्रीमियम भरने का समय आता है तो वह लेट लतीफी करते हैं। इस लेट लतीफी से पॉलिसीधारक को पॉलिसी लैप्स का सामना करना पड़ता है। कंपनी को समय से प्रीमियन न मिलने पर ग्राहक की पॉलिसी को लैप्स कर दिया जाता है।

अगर आप भी यह गलती कर रहे हैं और समय पर प्रीमियम जमा नहीं कर रहे हैं तो आपको भी पॉलिसी लैप्स का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा होने पर आपको पेनाल्टी के साथ क्लेम में भी परेशानी आ सकती है।

पॉलिसी लैप्स का सबसे ज्यादा नुकसान टर्म पॉलिसी पर हो सकता है। क्योंकि अगर पॉलिसीधारक समय पर प्रीमियम नहीं भरे और पॉलिसी लैप्स हो जाए तो मृत्यु के बाद परिजनों को क्लेम पाने में दिक्कत हो सकती है। पॉलिसी लैप्स होने पर आपको इंश्योरेंस से जुड़े लाभ भी नहीं दिए जाते।

बता दें कि प्रीमियम मिस होने के एक महीने के भीतर तक जरूरत नहीं। यह ग्रेस पीरियड होता है। इस दौरान न तो पेनाल्टी और न ही पेपर वर्क की जरूरत पड़ती है हालांकि इस ग्रेस पीरियड की समाप्ति के बाद पेनाल्टी और पेपर वर्क की जरूरत पड़ती है।

किसी भी पॉलिसी का पूरा फायदा लेने के लिए प्रीमियम को तय वक्त तक लगातार भरना जरूरी है। कंपनियां अपने कस्टमर्स को लैप्स पॉलिसी को एक तय समय के अंदर दोबारा रिवाइव करने की सुविधा देता है। हाल में लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ने ग्राहकों को लैप्स हो चुकी पॉलिसी को फिर से शुरू करने का मौका दिया था।