केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्‍सेदारी बेचने वाली है। जिसे लेकर भारत सरकार IPO खोल रही है। सरकार वित्‍तीय वर्ष के समाप्‍त होने से पहले 5 फीसद की हिस्‍सेदारी बेचकर अधिक से अधिक पैसा कमाई करना चाहती है। वहीं एलआईसी का आईपीओ खोले जाने के विरोध में कर्मचारी संघ सरकार पर दबाव बनाने का फैसला किया है। कर्मचारी संघ पांच मार्च 2022 को LIC के दफ्तरों पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

हालाकि कुछ दिन पहले ही वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने LIC के IPO को लेकर कहा था कि रूस ओर यूक्रेन के बीच के क्राइसिस के कारण बाजार की स्थित जांच की जा रही है। बिजनेस लाइन अखबार को दिए गए इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा कि एलाईसी का आईपीओ फिर से समीक्षा करने के साथ पेश किया जा सकता है। ताकि व्‍यवस्‍था में कोई गड़बड़ी न आए।

5 मार्च को विरोध प्रदर्शन
वहीं अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ ने यह निर्णय लिया है कि एलआईसी आईपीओ लाने के सरकार के फैसले के खिलाफ काउंटी में एलआईसी के सभी मंडल मुख्यालयों में 5 मार्च, 2022 को धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

सरकार की लगभग 8 अरब डॉलर कमाने की योजना
भारत की विशेष स्टॉक पेशकश में सरकार ने 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले इस महीने एलआईसी की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर लगभग 8 अरब डॉलर जुटाने की योजना बनाई है। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच वार के कारण वैश्विक बाजारों में काफी असर हुआ है। चीनी फैशन रिटेलर शीन, लंदन में जीसीपी को-लिविंग आरईआईटी और जर्मन कृत्रिम अंग निर्माता ओटोबॉक ने अपनी आईपीओ योजनाओं को रोक दिया है।

अगले महीने आने पर राहत
बैंकरों का आने वाले आईपीओ को लेकर कहा है कि अगर एलआईसी की स्‍टॉक पेशकश अगले महीने से शुरू की जाती है तो निवेशको इससे थोड़ा समय मिलेगा और अधिक बातचीत और स्‍पष्‍टता के साथ वे निवेश कर सकते हैं।