नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जो बाजार आधारित रिटर्न देता है। एनपीएस ग्राहक जिस फंड में निवेश करते हैं, उसे पेंशन फंड मैनेजर के माध्यम से पैसा बनाने वाली अलग-अलग स्कीमों में इनवेस्ट किया जाता है। इसकी देखरेख पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथरिटी द्वारा की जाती है। एनपीएस ग्राहकों के पैसों को इक्विटी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, गवर्मेंट सिक्योरिटीज और अन्य फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करती है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड का एक हिस्सा एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के लिए केंद्रीय रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसी है। हालांकि, इस नई पेंशन स्कीम में निवेश करने से पहले इन पांच बातों को जान लेना बेहद जरूरी है।
1. नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी 2004 में लॉन्च की गई एक सरकार प्रायोजित पेंशन योजना है। 2009 में इसका विस्तार सभी नागरिकों के लिए किया गया है। ग्राहक का पैसा पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथरिटी द्वारा निवेश किया जाता है, जो पेंशन कॉर्पस प्रबंधन का भी जिम्मेदार होता है।
2. एनपीएस दो प्रकार के खातों की पेशकश करता है- टीयर 1 और टीयर 2। टीयर 1 खाता से तब तक पैसा वापस नहीं निकाला जाता, जबतक व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष न हो जाए। टीयर 2 एनपीएस खाता बचत खाते की तरह काम करता है। यहां से ग्राहक जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल सकते हैं। हालांकि, गंभीर बीमारी या बच्चों के विवाह जैसे विशेष परिस्थितियों में ग्राहकों को सेवानिवृत्ति से पहले एनपीएस आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है।
3. निवेशक अपने रिटायरमेंट अकाउंट में पैसे जमा करता है और नियोक्ता भी कर्मचारी के खाते में पैसे जमा करता है। ग्राहक किसी भी निश्चित लाभ के बिना खाते में पैसा जमा करते हैं। पैसे की वापसी जमा की गई पूरी राशि और उस पैसे से हुई आय पर निर्भर करती है। वर्तमान में एनपीएस में न्यूनतम कर्मचारी योगदान मूल वेतन का 10 प्रतिशत है और सरकार द्वारा भी उतनी ही राशि दी जाती है।
4. अभी हाल ही में सरकार इस बात पर राजी हुई है कि कोई व्यक्ति अपने मूल वेतन का 14 प्रतिशत तक एनपीएस में इनवेस्ट कर सकता है। इससे पहले यह सीमा 10 फीसदी थी। इस कदम से केंद्र सरकार के 36 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है।
5. एक एनपीएस ग्राहक आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीसीडी (1) के तहत कुल आय के 10 प्रतिशत तक आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं और 80 सीसीई के तहत कुल 1.5 लाख रुपये छूट का दावा कर सकते हैं। एनपीएस टीयर 1 में 50 हजार तक के निवेश पर 80सीसीडी (1बी) के तहत अलग से छूट मिल सकती है और 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये और उससे ज्यादा की छूट मिल सकती है।

