रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने झटपट लोन ऑफर करने वाले डिजिटल मनी लेंडिंग मोबाइल एप्लीकेशन के फेर से बचने की सलाह दी है। आरबीआई ने कहा है कि इन एप्स के जरिए ग्राहकों को अधूरी जानकारी के साथ लोन ऑफ किए जा रहे हैं। इन एप्स से लोन लेकर ठगी को अंजाम देने के कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल में आंध्र प्रदेश में तो तीन लोग इन एप्स से लोन लेने के बाद आत्महत्या कर चुके हैं।
ऐसे में सवाल यह है कि आखिर ये मनी लेंडिंग मोबाइल एप्स होते क्या हैं और इनके जरिए कैसे फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। दरअसल सारा खेल लोन ऑफर करते वक्त लुभावने वादों और ग्राहक की मजबूरी का है। कई कंपनियां लुभावनी ब्याज दर पर बहुत ही कम समय में लोन देने का वादा करती हैं। इसके बाद बकाया रकम को वापस पाने के लिए ग्राहकों को बुरी तरह से परेशान किया जाता है।
जोर-जबरदस्ती कर पैसा वसूल लिया जाता है खास बात यह है कि ग्राहक ने जिस ब्याज दर पर लोन लिया था उससे अधिक ब्याज वसूला जाता है। दरअसल कोरोना काल में लोगों की आमदनी पर सीधा असर पड़ा है, ऐसे में इन एप्स के जरिए लोगों को लालच देकर इस तरह के कामों को अंजाम दिया जा रहा है।
इस तरह के डिजिटल फर्जीवाड़े का शिकार होने से बचना है तो कुल चुकाई जाने वाली रकम के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल करें। प्रोसेसिंग फी और अन्य छिपे चार्ज की जानकारी हासिल करें। लोन कंपनी के बारे में आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए जानकारी हासिल करें।

