सरकार ने नए नियम के तहत इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना उन व्यक्तियों के लिए अनिवार्य कर दिया है, जिसका आय वित्तीय वर्ष के दौरान आयकर छूट सीमा से कम होने के बाद भी उसका टीडीएस या टीसीएस 25,000 रुपये या उससे अधिक होगा। यानी ऐसे कर्मचारियों को हर साल आइटीआर दाखिल करना होगा, चाहे वे आयकर दाता की सीमा में आते हों या नहीं।
आकांक्षा गोयल, डायरेक्ट टैक्स पार्टनर, टी आर चड्ढा एंड कंपनी एलएलपी के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यदि व्यक्ति का कुल टीडीएस या टीसीएस वर्ष में 50,000 रुपये या उससे अधिक है, तो उसे आईटीआर दाखिल करना होगा। इसके अलावा, जिसकी बचत बैंक खाते में जमा राशि वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, तो उसे भी अपनी आय के स्तर के बावजूद अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करना होगा।
आय छूट सीमा वाले लोगों के लिए आईटीआर दाखिल का नियम
आय की छूट सीमा के अंदर आने वाले लोगों को आईटीआर दाखिल करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 139 के सातवें प्रावधान को वित्त अधिनियम, 2019 में शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत आय मूल छूट सीमा के अंदर या कम होने पर आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य है। इसके अलावा, इस तरह के मानदंडों में चालू खाते में एक करोड़ रुपये या उससे अधिक जमा करना, विदेश यात्रा के लिए 2 लाख रुपये से अधिक का खर्च या वर्ष के दौरान बिजली की खपत के लिए 1 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करना शामिल है।
क्या कहती है नई अधिसूचना
नई अधिसूचना संख्या 37/2022 के माध्यम से, सीबीडीटी ने एक नया नियम 12AB अधिसूचित किया गया है। यह अतिरिक्त शर्तों को निर्धारित करता है और इसके अंतर्गत आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। आइए जानतें है क्या है इसके अंतर्गत आने वाले मापदंड़:
- अगर कारोबार में कुल बिक्री, टर्नओवर और सकल प्राप्ति पिछले वर्ष के दौरान 60 लाख रुपये से अधिक है।
- वहीं पेशे में सकल प्राप्ति पिछले वर्ष के दौरान 10 लाख रुपये से अधिक है।
- इन नई धारा के अनुसार यदि वर्ष के दौरान कुल टीडीएस/टीसीएस 25000 रुपये या उससे अधिक है (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 50,000 रुपये की बढ़ी हुई सीमा लागू होगी)
- पिछले वर्ष के दौरान बचत बैंक खाते में जमा राशि 50 लाख रुपये या उससे अधिक है।
वित्त वर्ष 2022-23 से होगा लागू
अगर ये मापदंड़ आपके अंतर्गत आते हैं तो आपको आईटीआर फाइल करना होगा। आईटीआर फाइल करने वाली वेबसाइट टैक्स2विन डॉट इन के सीईओ अभिषेक सोनी का कहना है कि यह वित्त वर्ष 2021-22 (वित्त वर्ष 2022-23) की आईटीआर फाइलिंग के लिए लागू होगा।
क्या होगा फायदा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नियम के लागू होने के बाद लेनदेन में पारदर्शिता आएगी। साथ ही अधिक पैसों का ट्रांजैक्शन करने वाले और आयकर नहीं देने वाले लोग पकड़े जा सकेंगे। इस कदम से आयकर रिटर्न की संख्या भी बढ़ेगी। इसके अलावा आयकर रिटर्न दाखिल करने पर आपको कई सुविधाओं में भी लाभ पहुंचेगा।