सफर के दौरान ट्रेनों पर आपने कई अंक लिखे देखे होंगे। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन सीक्रेट डिजिट या कोडनुमा नंबरों के क्या मायने होते हैं। दरअसल, ट्रेन के हर डिब्ब पर इसी तरह से नंबर दिए जाते हैं। चार से छह अंकों वाली ये संख्या बताती है कि डिब्बे का निर्माण कब हुआ। वह कौन सी श्रेणी का है और किस रेलवे जोन के तहत आता है।
बोगी के बाहर लिखी संख्या के शुरुआती दो अंक दर्शाते हैं कि ट्रेन का डिब्बा किस साल में तैयार किया गया। मसलन ट्रेन की बोगी के बाहर अगर 8439 लिखा हो, तो उसका मतलब है कि ट्रेन की वह बोगी साल 1984 में बनाई गई। वहीं, अगर ये संख्या 04052 हो, तो समझना चाहिए कि वह बोगी वर्ष 2004 में निर्मित की गई होगी।
आगे के नंबर यह बताते हैं कि ट्रेन की बोगी किस प्रकार की है। जैसे- एसी, स्पेशल, स्लीपर और जनरल। 001-025 का इस्तेमाल एसी की फर्स्ट क्लास वाली बोगियों के लिए इस्तेमाल होता है। 025-050 तक का प्रयोग कंपोजिट फर्स्ट एसी और एसी 2 टियर की सीटों के लिए किया जाता है। 050-100 एसी 2 टियर वाली बोगियों पर लिखा जाता है।
101-150 एसी 3 टियर पर दिया जाता है। 151-200 के बीच की संख्या एसी चेयर कार के लिए लिखी जाती है। 201 से 400 तक स्लीपर सेकेंड क्लास, 401 से 600 तक जनरल सेकेंड क्लास, 601 से 700 जन शताब्दी की चेयर कार, 701 से 800 सिटिंग एंड लगेज रैक में लिखा जाता है। कोचों की श्रेणी के लिए इन कोड्स का इस्तेमाल होता है-
CN: 3 टियर स्लीपर कोच
CW: 2 टियर स्लीपर कोच
CB: पैंट्री/किचेन कार/बफे कार
CL: किचेन कार
CR: स्टेट सलून
CT: टूरिस्ट कार (फर्स्ट क्लासः इसमें बाथरूम, किचेन और सिटिंग कंपार्टमेंट होते हैं)
CTS: टूरिस्ट कार (सेकेंड क्लासः इसमें भी बाथरूम, किचेन, बैठने और सोने के लिए कंपार्टमेंट होते हैं।)
D: डबल डेकर
AC: एसी
बोगी पर लिखे नंबरों की दाईं तरफ डब्ल्यूसीआर (WCR) लिखा हो, तो समझें कि उस बोगी को पश्चिमी मध्य रेलवे को आवंटित किया गया है। ईआर (ER) का मतलब पूर्वी रेलवे से है। एनएफ (NF) का अर्थ उत्तरी सीमांत से है, जबकि एसआर (SR) से समझना चाहिए कि वह दक्षिण रेलवे के लिए आवंटित है।

