IRCTC Tejas Express Refund Policy, Status, Rules: आईआरसीटीसी (IRCTC) जल्द ही प्रीमियम ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद तेजस एक्सप्रेस (Mumbai Ahmedabad Tejas Express) के लिए लगेज बुकिंग की सुविधा देने जा रहा है। इसकी खासियत यह होगी कि इसमें यात्रियों के घर से लगेज लेकर उनके गंतव्य तक छोड़ने की व्यवस्था रहेगी। इसके लिए यात्रियों को 110 रुपए प्रति किग्रा अतिरिक्त देने होंगे। यह व्यवस्था एक प्राइवेट स्टार्टअप ‘बुक बैगेज’ की मदद से की जा रही है।

यात्रा से एक दिन पहले उठाया जाएगा सामानः आईआरसीटीसी अधिकारी के मुताबिक यात्री अपने टिकट के हिसाब से तय सीमा में लगेज बुक कर सकते हैं। फर्स्ट एसी के यात्रियों के लिए लगेज की लिमिट 70 किग्रा रहेगी, वहीं सेकंड एसी पैसेंजर्स के लिए 50 किग्रा और स्लीपर क्लास के लिए 40 किग्रा तक रहेगी। यात्री द्वारा इस सेवा का चयन किए जाने के बाद सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से एक एक्जीक्यूटिव एक दिन पहले यात्री के घर जाएगा। वहां सामान की जांच की जाएगी ताकि कोई भी प्रतिबंधित पदार्थ रखा हो तो उसे हटाया जा सके। इसके बाद यात्री का सामान उसके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा, इसके लिए टिकट में पते का जिक्र करना होगा। यात्री जियो टैगिंग के जरिये अपने सामान की ट्रैकिंग भी कर सकेंगे।

फ्लाइट कनेक्टिविटी पर निर्भर रहेगी सर्विसः तेजस एक्सप्रेस को मुंबई सेंट्रल, बोरीवली, वापी, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद जंक्शन और अहमदाबाद में रोका जाएगा। अधिकारी के मुताबिक, ‘यह सेवा संबंधित क्षेत्र में फ्लाइट कनेक्टिविटी पर निर्भर करेगी। मुंबई और सूरत के बीच फ्लाइट कनेक्टिविटी है लेकिन आणंद में नहीं है।’ आईआरसीटीसी की योजना है कि मुंबई-अहमदाबाद तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत होने के साथ ही बैगेज बुकिंग की सुविधा भी शुरू कर दी जाए। यह ट्रेन मुंबई सेंट्रल से दोपहर 3:40 बजे चलकर रात को 9:55 बजे अहमदाबाद पहुंचेगी। वहीं अहमदाबाद से सुबह 6:10 बजे चलकर दोपहर 1:10 बजे मुंबई पहुंचेगी।

Hindi News Today, 01 November 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

दिल्ली-लखनऊ तेजस के लिए भी योजनाः आईआरसीटीसी अधिकारी के मुताबिक नई सुविधा से यात्रियों को लगेज फ्री ट्रैवलिंग का ऑप्शन मिलेगा। यह व्यवस्था दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस के लिए भी शुरू करने की योजना है। आईआरसीटीसी के महाप्रबंधक राजेश राणा ने कहा, ‘इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। फिलहाल छह महीनों के लिए इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा।’