IRCTC, Student Concession in Indian Railway Trains: भारतीय रेल, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को ट्रेन टिकट पर कुछ निर्धारित छूट देता है। यह रियायत स्टूडेंट कन्सेशन के तहत उन्हें स्कूल से घर आने-जाने, शैक्षणिक भ्रमण, प्रतियोगी परीक्षाओं या फिर शोध के सिलसिले में किए जाने वाले सफर पर दी जाती है। रेलवे इसके अलावा छात्र-छात्राओं को मुफ्त में मंथली स्टेशन टिकट (एसएसटी) भी मुहैया कराता है। नीचे जानिए इन्हीं से जुड़े नियम और रियायत के बारे में:
ऐसे पाएं स्टूडेंट कन्सेशन: ‘ईरेल’ के मुताबिक, छात्रों को यह रियायत सिर्फ स्लीपर (SL) और सेकेंड सिटिंग (2S) बोगी की टिकटों की बुकिंग पर मिलती है। इस छूट के लिए पेपर टिकट (आई टिकट) और स्टूडेंट कन्सेशन ऑर्डर नजदीकी रेलवे रिजर्वेशन ऑफिस में दिखाना पड़ता है। यात्री ने पूरी रकम लगाकर जो टिकट पूर्व में खरीदा होगा, उसे वहां जमा कर लिया जाएगा। बदले में संशोधित किराए (कन्सेशन) के साथ टिकट जारी कर दिया जाएगा। दोनों टिकटों के बीच के किराए के अंतर में 20 रुपए क्लर्क एज चार्ज के रूप में काट लिए जाएंगे, जबकि आईआरसीटीसी शेष रकम को उस यात्री के खाते में अगले दिन ट्रांसफर करा देगा। ध्यान रखें कि स्टूडेंट कन्सेशन सिर्फ पेपर टिकट पर पाया जा सकता है। ई-टिकट पर यह मान्य नहीं होता।
किन्हें और किस आधार पर मिलता है यह कन्सेशन?
– घर या शैक्षणिक दौरे पर सामान्य श्रेणी के छात्रों को SL व सेकेंड क्लास (2nd: सामान्य बोगी) और एमएसटी व क्यूएसटी में 50-50 फीसदी की छूट मिलती है। अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को इन दोनों ही मामलों में 75 फीसदी रियायत मिलती है, जबकि स्तानक तक की छात्राओं और 12वीं (मदरसा भी शामिल) तक के छात्रों को घर से स्कूल के बीच आने-जाने के लिए सेकेंड क्लास की एमएसटी निःशुल्क दी जाती है।
– ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों के छात्रों को साल में एक बार शैक्षणिक दौरे के लिए सेकेंड क्लास में 75 फीसदी की छूट मिलती है।
– सरकारी स्कूल (ग्रामीण क्षेत्र) की छात्राओं को मेडिकल व इंजीनियरिंग क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सेकेंड क्लास की टिकट में 75 फीसदी छूट दी जाती है।
– यूपीएससी और एसएससी की मेन्स परीक्षा में बैठने वाले भी द्वीतिय श्रेणी की टिकट में 50 प्रतिशत रियायत पा सकते हैं।
– भारत में पढ़ने वाले विदेशी छात्र, जो छुट्टियों के दौरान भारत सरकार द्वारा आयोजित कैंप/सेमिनार में शामिल होने जाते हैं। उन्हें भी सेकेंड और स्लीपर क्लास में आधा किराया देना पड़ता है।
– शोध को लेकर 35 वर्ष तक के रिसर्च स्कॉलर्स को सेकेंड और स्लीपर क्लास में 50 फीसदी का डिस्काउंट मिलता है।
– मर्केंटाइल मरीन के लिए ट्रेनिंग कर रहे कैडेट्स और मरीन इंजीनियर्स अप्रेंटिसेस को घर से ट्रेनिंग शिप के आसपास पहुंचने के लिए भी रेल टिकट में रियायत दी जाती है। उन्हें द्वीतिय और स्लीपर श्रेणी में आधा किराया चुकाना होता है।
मुफ्त MST का यह है हिसाब-किताबः मंथली सीजन टिकट्स (एसएसटी) की सुविधा मुफ्त में 10वीं तक के छात्रों और 12 तक की छात्राओं को रोजाना घर से स्कूल तक जाने के लिए दी जाती है। यह सुविधा ‘मिलेनियम गिफ्ट फ्रॉम रेलवेज’ के नाम से मुहैया कराई जाती है। हालांकि, एमएसटी अधिकतम 150 किमी के सफर के लिए जारी की जाती है, जबकि यह सिर्फ सेकेंड क्लास में मान्य होती है। मतलब ये सुपरफास्ट और मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में नहीं चलती।