भारतीय रेल 53 विभिन्न कैटेगरी के लिए किराए में छूट देती है। इसके तहत 10 से 100 प्रतिशत तक की छूट मिलती है। टिकट में छूट वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, मरीजों, छात्रों, युद्ध विधवा के साथ-साथ अन्य कैटेगरी शामिल हैं। टिकट में छूट पाने के लिए रिजर्वेशन फॉर्म में ही विकल्प दिया रहता है। वहीं, आईआरसीटीसी के माध्यम से ऑनलाइन टिकट लेने के समय भी छूट के कुछ कैटेगरी के लिए विकल्प दिया रहता है, लेकिन सभी 53 कैटेगरी का ऑप्शन नहीं रहता है। इसके लिए भारतीय रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर पर ही जाना पड़ता है।
* भारतीय रेलवे के अनुसार, एक बार में एक ही तरह की छूट का ऑप्शन पैसेंजर को दिया जाता है। कोई भी पैसेंजर एक बार में दो तरह की छूट का उपयोग नहीं कर सकता है।
* छूट केवल मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी आदि के किरायों पर दी जाती है। पैसेंजर ट्रेन, सुपरफास्ट सरचार्ज, जीएसटी पर छूट नहीं मिलती है।
* यात्रा की न्यूनतम दूरी के आधार पर कुछ छूट दी जाती है।
* छूट वाली टिकट को पैसे देकर उच्च श्रेणी के टिकट में नहीं बदलवाया जा सकता है।
* सीजन टिकट, सर्कुलर जर्नी टिकट और गतिमान एक्सप्रेस व हमसफर एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों में छूट नहीं मिलती है।
* जब टिकट ऑनलाइन और रिजर्वेशन काउंटर से खरीदा जाता है, तभी ही उसपर छूट मिलती है। ट्रेन में यात्रा के दौरान टिकट लेने पर किसी तरह की छूट नहीं मिलती है।
* वरिष्ठ नागरिकों को छोड़ कर अन्य कैटगरी में छूट तभी मिलती है जब संबंधित व्यक्ति या संस्थान का भारत में निर्गत प्रमाण पत्र दिखाया जाता है। अन्य देशों का प्रमाणपत्र दिखाने पर छूट नहीं मिलती है।
* उन यात्राओं पर छूट नहीं मिलती है, जहां यात्रा की लागत केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, निगम, विश्वविद्यालय द्वारा वहन की जाती है।
* किसी विशेष उद्देशय के लिए लिए गए छूट वाले टिकट के दौरान उसी रूट से यात्रा करनी होती है। रूट बदलने की छूट नहीं रहती है।
* कुछ विशेष परिस्थिति में जहां छूट वाली टिकट फर्स्ट क्लास के लिए स्वीकार्य है, लेकिन एसी-2 टीयर के लिए नहीं, वैसी स्थिति में एसी-2 के लिए छूट वाली टिकट फर्स्ट क्लास के छूट वाले किराया और फर्स्ट क्लास तथा एसी-2 टायर के वास्तविक किराए के अंतर का भुगतान कर लिया जा सकता है।

