IRCTC Indian Railway: कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि 40 दिनों से ज्यादा समय तक पैसेंजर ट्रेनें रद्द हैं। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए रेलवे लगातार ट्रेनें रद्द कर रहा है। मार्च महीने में लॉकडाउन से पहले रेलवे ने सभी पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी थीं जिसे बढ़ाकर अब 17 मई कर दिया गया है। बहरहाल कोरोना के बाद रेलवे का सफर कैसे हो इसपर रेल मंत्रालय लगातार काम कर रहा है।

इसी कड़ी में रेलवे ने अपने नियमों में बदलाव किया है। रेलवे के नए नियम के मुताबिक रिजर्वेशन चार्ट बनने के 4 घंटे पहले तक यात्री अपना बोर्डिंग स्टेशन बदल सकते हैं जिसकी समय सीमा पहले 24 घंटे थी। इसके अलावा अगर कोई यात्री बोर्डिंग स्टेशन बदल लेता है लेकिन ट्रेवल नहीं करता तो उसे टिकट पर रिफंड नहीं दिया जाएगा।

अभी तक रेल सेवा शुरू करने के बारे में सरकार की तरफ से कोई साफ इशारा नहीं आया है। हालांकि, रेलवे ने इस पर आंतरिक अभ्यास शुरू कर दिया है और अपनी योजना सरकार के उच्च स्तरों तक पहुंचा दी है।

हालांकि मौजूदा हालातों को देखते हुए इतना तो माना ही जा रहा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी लंबे समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। इसके लिए रेलवे ने यात्रियों के लिए नए नियम भी बनाए जा रहे हैं जिन्हें जल्द लागू किया जा सकता है ताकि रेलवे कई हजारों ट्रेनों को एकबार फिर से पटरी पर दौड़ाया जा सके।

वहीं लाकडाउन में डेढ़ महीने से विभिन्न राज्यों मे फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों को निकालने के लिए रेलवे स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। इन ट्रेनों में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद यात्रियों को उनके राज्यों में छोड़ जा रहा है। यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।