कन्फर्म ट्रेन टिकट पर किसी कारणवश यात्रा नहीं कर पा रहे हैं तो उसे परिवार सदस्यों जैसे कि मां, पिता, भाई, बहन, बेटी, बेटी, पति या पत्नी में से किसी के लिए भी ट्रांसफर किया जा सकता है। ऐसी सूरत में टिकट ट्रांसफर करने के लिए ट्रेन के प्रस्थान समय से कम से कम 24 घंटे पहले स्टेशन के मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक से लिखित में निवेदन करना पड़ता है। सरकारी कर्मचारी किसी दूसरे सरकारी कर्मचारी को अपना टिकट ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए रिक्वेस्ट ट्रेन छूटने के 24 घंटे पहले करनी होती है। किसी प्रतिष्ठित संस्थान के छात्र भी अपने संस्थान के ही किसी छात्र को टिकट ट्रांसफर कर सकते हैं, इसके लिए संस्थान के प्रिंसिपल या प्रमुख से 48 घंटे पहले रिक्वेस्ट करानी होती है। शादी समारोह जैसे समूह का मामला है तो समूह में जा रहे किसी सदस्य को टिकट ट्रांसफर किया जा सकता, इसक लिए समूह के मुखिया से 48 घंटे पहले इसके लिए रिक्वेस्ट करानी होती है।

राष्ट्रीय कैडेट कोर कैडेट्स (एनसीसी कैडेट्स) भी किसी दूसरे कैडेट को टिकट ट्रांसफर कर सकते हैं अगर समूह का प्रमुख से 24 घंटे पहले कर रिक्वेस्ट कराई जाए। ध्यान रहे कि ऐसे बदलाव केवल एक दफा किए जा सकते हैं। समूह के मामले में यह तभी तक लागू होता है जब तक कि इस सुविधा का लाभ लेने वालों की संख्या 10 फीसदी से कम हो।

बता दें कि रेलवे में यह टिकट ट्रांसफर करने की यह व्यवस्था 1990 से ही लागू है और इसमें 1997 और 2002 में कुछ बदलाव किए गए थे। रेलवे के नियम मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक को अधिकृत करते हैं कि वह रिक्वेस्ट मिलने पर टिकट में नाम और आयु जैसी संबंधित जरूरी जानकारियां बदलवाकर टिकट ट्रांसफर करा दे। आज के समय में ट्रेन का कन्फर्म टिकट मिलना ही बड़ी बात होती है, लेकिन कभी ऐसी नौबत पड़ जाए तो थोड़ी सी सजगता बरतकर आप इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।