इंटरनेट बैंकिंग के जरिए झटपट पैसों का लेन-देन किया जाता है। इंटरनेट बैंकिंग हमें बैंक की लंबी कतारों से बचाती है। इसके जरिए कभी भी पैसों का लेन-देन किया जा सकता है। इंटरनेट बैंकिंग कई हद तक बैंक पर ग्राहकों की निर्भरता को कम कर देता है। इंटरनेट बैंकिंग को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं।

एक सवाल यह है कि इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किन किन तरीकों से पैसा ट्रांसफर किया जाता है? तो हम आपको बता दें कि इंटरनेट बैंकिग में तीन तरीकों से पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। मीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और तीसरा तरीका रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) है।

मीडिएट पेमेंट सर्विस का अर्थ है तत्काल भुगतान सेवा है। यह सर्विस के जरिए रियल टाइम के आधार पर पैसा भेजने और प्राप्त करने में मदद करती है। इसके जरिए एक दिन में आप 2 लाख रुपए तक ही भेजे जा सकते हैं।

वहीं नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर द्वारा एक बैंक से दूसरे बैंक और एक बैंक शाखा से दूसरी बैंक शाखा में पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है। इसके जरिए फंड ट्रांसफर की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है। वहीं इसमें अधिकमत सीमा अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग निर्धारित है।

वहीं रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के जरिए रियल टाइम बेसिस पर फंड ट्रांसफर किया जाता है। यह देश के अंदर मनी ट्रांसफर के लिए बैंकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे तेज माध्यमों में से एक है।

आरटीजीएस के अंतरगत फंड ट्रांसफर करने पर बेनिफिशियरी बैंक द्वारा रीसिपिएअंट के खाते में 30 मिनट के अंदर पैसे क्रेडिट कर दिया जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इंटरनेट बैंकिंग करते वक्त आपको अपने बैंक खाते की निजी जानकारियों को किसी के साथ साझा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा बेहद सतर्कता के साथ ही जानकारियों को पैसा ट्रांसफर करते वक्त दर्ज करना चाहिए।