Indian Railways: ट्रेन में सफर के दौरान हर यात्री के लिए कुछ नियम-कायदे होते हैं। इनका पालन न होने पर कानूनी कार्रवाई से लेकर जेल तक की सजा हो सकती है। आइए जानते हैं, ऐसी ही कुछ बड़ी और बारीक गलतियों के बारे में, जो किसी भी यात्री पर भारी पड़ सकती हैं।
कम दूरी के टिकट पर लंबी दूरी तक सफरः आरक्षित बोगी में कम दूरी के टिकट पर लंबी दूरी तक सफर करते पाए जाने पर यात्री को ट्रेन से उतारा जा सकता है। वह जिस स्टेशन पर पकड़ा जाएगा, उसे टीटीई वहीं उतरवा लेंगे। दूसरी स्थिति में यात्री को बोगी में न्यूनतम दूरी का किराया और टिकट के बीच के अंतर वाली रकम चुकानी पड़ेगी। मसलन यात्री 100 रुपए की टिकट पर 500 रुपए किराए वाली दूरी तक सफर करता पकड़ा जाए, तब उसे 400 रुपए चुकाने पड़ेंगे।
कम दूरी वाले टिकट लेकर रेस्ट्रिक्टेड ट्रेनों में चलने परः अगर यात्री कम दूरी के टिकट पर किसी रेस्ट्रिक्टेड ट्रेन में चलते पकड़ा जाएगा, तब उससे चुकाए गए किराए और नजदीकी स्टेशन के किराए के बीच के अंतर वाली रकम चुकानी होगी।
पोस्टल वैन में सफर करने पर क्या होगा?: रेलवे मेल सेवा स्टाफ को पोस्टल वैन में यात्रा के लिए मेटल टोकन मिलते हैं। अगर कोई चेकिंग के दौरान ये टोकन नहीं दिखा पाता है, तब उसके साथ बेटिकट यात्री (फर्स्ट क्लास बोगी में) जैसा सलूक किया जाता है। यही नहीं, मामले की जानकारी डिविजनल कमर्शियल सुप्रिटेंडेंट तक को दी जाती है।
साधु-फकीर पर भी कार्रवाई: बगैर टिकट और पैसों के रेल सफर करने पर सामान्य नागरिकों से लेकर फकीर, साधु और भिखारियों तक को रेलवे अधिनियम की धारा 137 के अंतर्गत ट्रायल के लिए भेजा जा सकता है। पुलिस में उनके खिलाफ चार्जशीट भी दी जा सकती है।
महिला बोगी में सिर्फ लेडी चेकर को टिकट जांचने की अनुमतिः नियमों के मुताबिक, महिला बोगियों में सिर्फ लेडी चेकर को टिकट जांचने का अधिकार होता है। पुरुष टीटीई को इस बोगी में जाकर टिकट चेक करने का अधिकार नहीं होता। हालांकि, वे प्लैटफॉर्म पर महिलाओं के टिकट जरूर जांच सकते हैं। वहीं, माल ढोने वाली ट्रेनों में गार्ड्स गाड़ी की ब्रेक वैन में यात्रा करने वालों के टिकट और पास चेक करते हैं।
बेटिकट यात्रा पर ये होता हैः यात्री जहां से ट्रेन में चढ़ा हो या जहां से ट्रेन खुली हो, वहां से लेकर जहां भी वह बगैर टिकट के पकड़ा जाएगा, उससे वहां तक का किराया लिया जाएगा। किराया चुकाने पर आगे की कार्रवाई नहीं होती। मगर पैसे न भरने पर या पूछताछ के दौरान गलत जानकारी मुहैया कराने यात्री को रेलवे अधिनियम की धारा 138 के तहत गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

