Indian Railways: प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू होने वाले कुंभ मेले में आने वाले रेल यात्रियों की मदद के लिए अखिल भारतीय स्तर पर मोबाइल पर यूटीएस ऐप लॉन्च हो चुका है। यह ऐप मेले में आने वालों को पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा मुहैया कराएगा। साथ ही स्टेशनों पर उपलब्ध यात्री सुविधाओं मसलन पार्किंग स्थल, रिफ्रेशमेंट रूम, प्रतीक्षा कक्ष, बुक स्टॉल, खाद्य प्लाजा, एटीएम, ट्रेन पूछताछ वगैरह बारे में जानकारी भी देगा।

‘रेल कुंभ सेवा’ मेला ऐप 2019 मोबाइल ऐप उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने विकसित किया है। एनसीआर के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा कि ऐप का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि किसी भी समय और स्थान पर सुविधाजनक रूप से जानकारी उपलब्ध हो सके। ऐप से यात्रियों को प्रयागराज शहर के भीतर सभी रेलवे स्टेशनों, मेला जोन, महत्वपूर्ण होटल, बस स्टैंड आदि की जानकारी लेने में भी मदद मिलेगी।”

उन्होंने आगे कहा, “यह ऐप सभी ‘मेला स्पेशल’ ट्रेनों के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा, जो प्रयागराज (एनसीआर, एनआर, एनईआर) के सभी स्टेशनों से मेला अवधि के दौरान चलेंगी। इसमें अनारक्षित और आरक्षित टिकट दोनों को बुक करने का एक लिंक और प्रयागराज के सिविल एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा विकसित ऐप का लिंक होगा। ऐप पर एक फोटो गैलरी उपलब्ध होगी, जिसमें अतीत और वर्तमान कुंभ मेला के साथ रेलवे से संबंधित अन्य सुविधाओं की तस्वीरें भी होंगी। यह ऐप के उपयोगकर्ताओं के लिए लाभदायक हो सकती हैं।

ऐप में नैविगेशन, स्टेशन पर यात्री सुविधाएं, मेला विशेष ट्रेनें स्टेशनों पर यात्री आश्रय गृह, मेले में रेलवे शिविर, आपातकालीन संपर्क, ऑन कॉल सेवाएं, रेलवे टिकट बुकिंग, हेल्पलाइन नंबर, महत्वपूर्ण लिंक, शिकायत / प्रतिक्रिया, चित्र प्रदर्शनी, मानचित्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

पहली बार निकली किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्राः मकर संक्रांति से प्रयागराज में शुरू होने वाले विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम के लिए रविवार को इस नगर में पहली बार किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा निकली। किन्नर साधु संतों का दर्शन करने के लिए लाखों की तादाद में लोग एकत्रित हुए। राम भवन चौराहे से निकली इस देवत्व यात्रा की खास बात यह रही कि इसमें किन्नर संत घोड़ों और बग्घियों पर सवार थे, जबकि बाकी अखाड़ों की यात्रा में ट्रैक्टर ट्राली पर रखे सोने-चांदी के हौदों पर साधु-संत विराजमान थे। इस देवत्व यात्रा में 25 से अधिक बग्घियां थीं। हालांकि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किन्नर अखाड़ा को मान्यता नहीं दी है।