Indian Railways, IRCTC: कोरोना की दूसरी लहर के धीमे पड़ने के बाद से भारतीय रेलवे द्वारा कई ट्रेनों के संचालन की घोषण की जा चुकी है। ट्रेन का सफर किफायती तो होता ही है साथ ही आरामदायक भी होता है। लंबी दूरी की यात्रा के लिए लोग ट्रेन के जरिए सफर करना पसंद करते हैं।

अक्सर देखने को मिलता है कि टिकट बुकिंग के बाद यात्री किसी कारणवश सफर नहीं कर पाता। ऐसे में वह सोचता है कि उसकी टिकट किसी काम की नहीं रही क्योंकि वह सफर नहीं कर रहा। लेकिन क्या आपको पता है कि आपके कन्फर्म टिकट के बदले भी कोई दूसरी शख्स सफर कर सकता है?

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दरअसल रेलवे के नियमों के मुताबिक ट्रेन में सफर करने के 24 घंटे पहले कोई भी यात्री अपने परिवार के सदस्य जिसमें माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, भाई बहन के नाम अपने टिकट को ट्रांसफर करवा सकते हैं।

यानी की रेल यात्री अपने नाम की कन्फर्म टिकट को अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम पर ट्रांसफर कर सकते हैं। रेल मंत्रालय के 1990 नियम के आधार पर 3 जून 2006 को जारी सर्कुलर में यह स्पष्ट किया गया है।

सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि ट्रेन में सफर से पहले परिवार के सदस्य को रेलवे के अधिकारी के पास मान्य दस्तावेजों (आईडी प्रूफ और शपथ पत्र) के आधार पर साबित करना होगा कि वह उस यात्री के परिवार का सदस्य है जो अपनी खुद की टिकट पर किसी कारणवश सफर नहीं कर पा रहा। ध्यान रहे कि यह नियम कन्फर्म टिकट पर ही लागू होता है।