Indian Railways, IRCTC: कोरोना संकट के चलते रेलवे कुछ गिनी चुनी ट्रेनों का ही संचालन कर रहा है। उन यात्रियों को ही ट्रेन में सफर की इजाजत है जिनके पास कन्फर्म टिकट है। ऐसे में रेलवे के नए नियम के तहत वेटिंग लिस्ट की एक लिमिट तय की गई है। अगर इस लिमिट खत्म होने के बाद अगर कोई ग्राहक टिकट बुक करता है लेकिन बुकिंग नहीं होती और खाते से पैसे काट लिए जाते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं।

रेलवे द्वारा आपका पैसा ऑटोमेटिक सिस्टम के तहत रिफंड कर दिया जाएगा इसके लिए आपको कहीं अप्लाई करने की जरूरत नहीं। रेलवे द्वारा वेटिंग लिस्ट को पहले के मुकाबले ज्यादा लंबा किया गया है और लिमिट खत्म होने के बाद टिकट बुकिंग के दौरान ऐसे यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए रिफंड की सुनिश्चित व्यवस्था की गई है।

रेलवे के नियमों के मुताबिक 3-5 दिनों के अंदर यात्री के खाते में पैसा रिफंड हर हाल में कर दिया जाता है। कोरोना संकट में कम ट्रेनें चलाए जाने से कुछ ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट देखी जा रही है ऐसे में आप टिकट बुकिंग के दौरान इस नए नियम का ध्यान रखेंगे तो चिंतित नहीं रहेंगे।

रेलवे ने टिकट रद्द कराने पर रिफंड पाने की टाइमिंग में बदलाव किया है। अब 6 महीने नहीं बल्कि 9 महीने तक रद्द टिकटों का रिफंड पा सकते हैं। 21 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 के बीच के लिए पीआरएस काउंटर टिकटों को रद्द कराने और किसी भी काउंटर से रिफंड की स्थिति में यह शर्त लागू है।

यानी कि जो यात्री 21 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 के बीच यात्रा करना चाहते थे लेकिन ट्रेन रद्द होने के चलते ऐसा नहीं कर सके उन्हें अब रिफंड पाने की टाइमिंग में 6 की बजाय 9 महीने का समय मिला है।