Indian Railways, IRCTC: भारतीय रेलवे द्वारा कोरोना महामारी के कारण अभी सभी ट्रेनों का संचालन नहीं हो रहा है। हालांकि कई व्यस्त रूटों पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई हैं। ट्रेन टिकट के नियमों को लेकर रेलवे समय-समय पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए यात्रियों को आगाह करता रहता है।
इसी कड़ी में अब रेलवे ने जानकारी दी है कि किसी अन्य व्यक्ति के नाम की टिकट पर रेल यात्रा करना दंडनीय अपराध है। कई लोग इस बात से अनजान होते हैं। वे दूसरे की टिकट पर ट्रेन में सफर करते हैं। मसनल किसी परिवार में एक भाई ने अपने नाम पर टिकट लिया है और वह किसी कारणवश सफर नहीं कर सकता तो वह अपने भाई को उस टिकट पर यात्रा करवाता है। नियमों के मुताबिक बिना टिकट ट्रांसफर किए ऐसा नहीं किया जा सकता है।
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रेल यात्री अपने परिजन के नाम टिकट ट्रांसफर कर सकते हैं, रेलवे द्वारा यात्रियों को यह सुविधा आरक्षित टिकटों पर ही दी जाती है। इसके लिए आपको एक आवेदन स्टेशन अधीक्षक/ स्टेशन मास्टर के नाम से लिखने होंगे। इसे प्रॉसेस को फॉलो कर आप अपना टिकट परिवार के किसी सदस्य के नाम ट्रांसफर कर सकते हैं। अगर
इसके अलावा ट्रेन में बिना किसी वजह के अलार्म चैन पुलिंग करना भी एक दंडनीय अपराध है। कई यात्री बेवजह ऐसा करते हैं जिससे यात्रियों का समय खराब होता है। रेलवे के मुताबिक यात्री चैन पुलिंग तभी करें जब तक ऐसा करना आवश्यक न हो। छत पर यात्रा करना, पटरी पार करना, उपद्रव करना और कचरा फैलाना, पोस्टर चिपकाना, अनधिकृत हॉकिंग और रेल संपत्ति को क्षति पहुंचाना दंडनीय अपराध है।
रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 150 के अनुसार रेलगाड़ी को दुर्भावपूर्ण (शत्रुतापूर्ण/विद्वेषपूर्ण) से तोड़-फोड़ करने या धवस्त करने का प्रयत्न करने पर 10 साल तक का या आजीवन कारावास (अगर ऐसे प्रयास में किसी की मृत्यु हो जाती है तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड) होगी। धारा 151 के अनुसार आग या अन्य विस्फोटक पदार्थों द्वारा रेल संपत्तियों का नुकसान करने पर 5 साल तक का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।