Indian Railways, IRCTC: जीरो बेस्ड टाइम टेबल 1 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो गया है। इंडियन रेलवे के इस टाइम टेबल के लागू होने के साथ ही ट्रेनों की समय सारणी में भी बदलाव हुआ है। ऐसे में आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर ये जीरो बेस्ड टाइम टेबल (Zero Based Time Table) होता क्या है?
इस व्यवस्था के तहत एक-एक कर सभी ट्रेनों के संचालन का समय तय किया जाता है। इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि कोई ट्रेन किसी अन्य ट्रेन के स्टॉपेज पर रुकने के समय से प्रभावित न हो। हर ट्रेन को नई ट्रेन की तरह ही संचालन का टाइम दिया जाता है।
खास बात यह है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए आईआईटी-बॉम्बे और रेलवे के विशेषज्ञ ने लॉकडाउन में काम किया है। इसके बाद ही जीरो बेस्ड टाइम टेबल तैयार हुआ है।
बता दें कि कई वजहों से ट्रेनें कई-कई घंटे लेट हो जाती हैं। कई बार तो स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि ट्रेनें कैंसल तक करने की नौबत आ जाती है। इससे लंबी दूरी के यात्रियों को अपनी यात्री कैंसल करनी पड़ती है। अपनी योजना टालनी पड़ती है तो दूसरी तरफ रेलवे को भी काफी आर्थिक नुकसान झेलने को विवश होना पड़ता है।
ठंड में कोहरे की वजह से भी ट्रेनें अक्सर लेट चलती हैं। ऐसे में रेलवे ट्रेनों के इंजन में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाने जा रही है। यह डिवाइस सबसे पहले राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाई जाएगी इसके बाद अन्य ट्रेनों में भी इसे लगाया जा सकता है।
