Indian Railways, IRCTC: ट्रेन का टिकट कैंसल करवाते हुए यात्रियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि हम टिकट बुक करवा लेते हैं और फिर आनन-फानन में उसे कैंसल करते हैं। जल्दबाजी हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो हमें भारी पड़ जाती है।

दरअसल जब यात्री ऑनलाइन माध्यम से टिकट कैंसल करते हैं तो वह अक्सर ठगी का शिकार हो सकते हैं। रेलवे इस संबंध में कई बार चेतावनी भी जारी कर चुका है। रेलवे के मुताबिक यात्रियों से ऑनलाइन टिकट कैंसलेशन के दौरान उनके बैंक खाते से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी नहीं मांगी जाती।

रेलवे के मुताबिक साइबर ठग यात्रियों को ठगने के लिए टिकट कैंसलेशन के बाद रिफंड जल्द से जल्द जारी करवाने के लिए कॉल या एमसएमएस भेजते हैं। जबकि ई-टिकट कैंसिलेशन के बाद रिफंड प्रोसेस पूरी तरह से ऑटोमेटिक होता है।

ऐसे में ग्राहकों को जब भी इस तरह का कॉल या एसएमएस प्राप्त हो तो वे बैंक अकाउंट नंबर, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड , एटीएम पिन, पीपिन, सीवीवी और यूपाई डिटेल्स जैसी अन्य गोपनीय जानकारियों को किसी के साथ साझा न करें। रेलवे के मुताबिक रेलवे के अधिकारी कभी भी किसी यात्री को कॉल या एसएमएस के जरिए इन सब गोपनीय जानकारियों के लिए संपर्क नहीं करते। रेलवे के मुताबिक रिफंड की रकम भी अपने आप ही उसी खाते में डाली जाती है, जिस खाते की मदद से रेलवे टिकट बु​क किया गया होता है।

मालूम हो कि कोरोना संकट के चलते बीते दिनों लॉकाउन के बाद से ट्रेनों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। त्योहारी सीजन यात्रियों को 392 स्पेशल ट्रेनों की सौगत मिली है। यात्री छठ, दिवाली और दुर्गा पूजा के लिए एक शहर से दूसरे शहर और राज्य की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं। ऐसे में ट्रेन टिकट कैंसल करने पर इन सावधानियों को बरतकर आप ठगी से बच सकते हैं।