एक अक्टूबर से बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डॉक्यूमेंट माना जाएगा। इसका मतलब यह होता है कि अगर आप कहीं ट्रैवल करते हैं और आपके पास बर्थ सर्टिफिकेट है, तो आपको अन्य किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी। अभी तक आधार को ऐसा माना जाता था, लेकिन अब बर्थ सर्टिफिकेट एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट बन गया है।

बच्चों का पहला डॉक्यूमेंट है बर्थ सर्टिफिकेट

बता दें कि जब बच्चों का जन्म होता है उसे दौरान भी उनको बर्थ सर्टिफिकेट मिलता है और बच्चों का यह पहला डॉक्यूमेंट माना जाता है। अगर आपके पास आधार कार्ड है भी तो भी आपके बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ सकती है। बर्थ सर्टिफिकेट एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें बच्चों के जन्म की तारीख, जन्म स्थान, लिंग और अन्य जरूरी जानकारी के साथ माता-पिता का नाम भी होता है। इसी से बच्चे की पहचान भी तय होती है।

वहीं कई लोग मानते हैं कि बड़ों का बर्थ सर्टिफिकेट बनने में काफी परेशानी होती है, लेकिन इसके नियम काफी सरल होते हैं और आपको केवल अपने क्षेत्र के एसडीएम के पास आवेदन करना होता है और आपका भी सर्टिफिकेट बन सकता है। बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आपको अपने राज्य की वेबसाइट पर जानी होती है और वहां पर आवेदन करना होता है।

अगर गायब हो जाए बर्थ सर्टिफिकेट तो क्या करें

अगर आपका बर्थ सर्टिफिकेट गायब हो जाता है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपका जहां पर जन्म हुआ है, उसके संबंधित ऑफिस में संपर्क कर आप इसके लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक शुल्क जमा करना होगा और गवाहों के दस्तखत भी करवाने होंगे। इसके बाद सर्टिफिकेट जारी हो जाएगा। वहीं अगर आपको बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर कोई शिकायत है तो आप जिला रजिस्ट्रार में अपील कर सकते हैं और 90 दिन में आपकी शिकायत का निपटारा हो जाएगा।

बच्चों के जन्म के 21 दिन के अंदर उनके माता-पिता को बर्थ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना होता है। अगर आप 21 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं करते हैं तो आप 30 दिन के अंदर एक फीस देकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। अगर आप 30 दिन के अंदर भी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो आप संबंधित अथॉरिटी को आवेदन के साथ एक एफिडेविट देंगे और साल भर के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं।