अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आप किसी लेन-देन के लिए अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। नियमों के मुताबिक जहां-जहां पैन नंबर की जरूरत पड़ती है, वहां आप आधार नंबर भी दे सकते हैं। टैक्स चोरी और ब्लैक मनी पर काबू पाने के लिए करदाताओं को वित्तीय लेन-देन पर पैन कार्ड नंबर देना पड़ता है। अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो फिर आप फॉर्म 60 भरकर भी काम चला सकते हैं।
वाहन खरीदने और बेचने के लिए, बैंक खाता खुलवान के लिए, डेबिट और क्रेडिट बनवाने के लिए, होटल और रेस्तरां में 50 हजार रुपए से ज्यादा की बिल पेमेंट के लिए और डिमैट अकाउंट खुलवाने के पैन अनिवार्य है। कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए 50,000 रुपये से अधिक होटल या विदेशी यात्रा बिलों समेत नकद लेनदेन के लिए पैन को अनिवार्य बना दिया गया था। साथ ही 10 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति की खरीद पर भी इसे अनिवार्य बनाया गया है।
इनके अलावा और भी कई मामलों में पैन की अनिवार्य है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास पैन कार्ड तो होता है लेकिन वह हमारे पास नहीं होता या फिर वह गुम हो चुका होता है। यहां तक कि हमें उसना नंबर तक याद नहीं होता। ऐसी स्थिति में सरकार ने नागरिकों को कुछ मामलों में छूट दी है। बीते साल 1 सितंबर से नियमों में बदवाल किया गया।
नए नियमों के मुताबिक पिछले साल 1 सितंबर के बाद से आयकर विभाग ने पैन कार्ड रखने वाले किसी भी शख्स को पैन की जगह आधार नबंर देने की छूट दी है। हालांकि ये छूट कुछ ही चीजों के लिए दी गई है। पैनकार्डधारक इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पैन की जगह आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं कुछ स्पेसिफाइड ट्रांजेक्शन जिनके लिए पैन अनिवार्य है उनके लिए भी आधार नंबर दिया जा सकता है। हालांकि इसके लिए आपका पैन आधार से लिंक होना अनिवार्य है।