How to transfer ownership of a Vehicle, Know Full Process in Hindi: अगर कार, मोटरसाइकिल या फिर स्कूटी किसी को बेच दी है पर झंझट के चलते उसकी ओनरशिप नहीं ट्रांसफर कराई है, तब आप कभी भी बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं। भविष्य में आपका वाहन अगर किसी सड़क दुर्घटना या अपराध में लिप्त पाया गया, तब जिसके नाम पर गाड़ी होगी उसी की शामत आएगी। भले ही उसका उस घटना या जुर्म से लेना-देना न हो, क्योंकि पुलिस तो गाड़ी के नंबर के आधार पर आरोपी को ट्रैक करेगी।
इसी तरह, चालान कटने और टैक्स न चुकाने की स्थिति में भी उक्त व्यक्ति पर गाज गिरेगी, जबकि गाड़ी कोई और ही इस्तेमाल कर रहा होगा। ऐसे में जरूरी है कि आप यह काम करा लें। गाड़ी की ओनरशिप ट्रांसफर कराने के लिए आपको कुल 12 डॉक्यूमेंट्स देने पड़ेंगे। इनमें ये चीजें शामिल हैं:
– Form 29
– Form 30
– RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट)
– बीमा पॉलिसी
– PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) – हर राज्य में जरूरी नहीं
– PAN – (अगर नहीं, तो Form 60)
– खरीदने वाले का जन्म प्रमाण पत्र
– Aadhaar Card
– फोटो (खरीदार)
– चेंसिस नंबर इंप्रेशन (कागज पर पेंसिल से उभरा हुआ)
– टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट (कमर्शियल व्हीकल के लिए)
– NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट – दूसरे राज्य में ट्रांसफर के लिए)
कैसे दें ऑनलाइन आवेदन?: ओनरशिप ट्रांसफर कराने से जुड़ी ऑनलाइन एप्लिकेशन के लिए parivahan.gov.in पर जाएं। पेज में नीचे ‘व्हीकल रजिस्ट्रेशन’ पर क्लिक करें। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डालें, फिर ‘ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप’ पर जाएं। अब नया पेज खुलेगा, जहां चेंचिस नंबर मांगा (आखिरी पांच डिजिट) जाएगा। अब ‘वैलिडेट’ बटन दबा दें। यह काम करने के बाद ओटीपी जेनरेट करने के लिए कहा जाएगा, जो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा।
बाद में ‘कलेक्शन फीस’ से जुड़ा पेज आएगा, जहां कुछ जानकारी (गाड़ी की बिक्री, खरीदने और बेचने वाले के बारे में) मांगी जाएगी। ये सब भरने के बाद सबसे नीचे फीस लिखी होगी, जो कि 150 रुपए होगी। फीस पेमेंट के लिए एसबीआई और अन्य बैंकों की नेट बैंकिंग सेवा व कार्ड पेमेंट्स आदि का विकल्प मिलेगा। फीस चुकाने के बाद पेमेंट की स्लिप और बाकी दस्तावेजों की फोटोकॉपियां आपको अपने आरटीओ में जमा करानी होगी। एप्लीकेशन देने के एक महीने बाद आपकी गाड़ी की ओनरशिप चेंज हो जाएगी।

